पटना,: जनसुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) ने बिहार चुनाव 2025 के बीच बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि उनके एक प्रत्याशी को नामांकन वापस लेने के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के करीबी लोगों ने दबाव डाला। पीके ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में तस्वीरें और दस्तावेज़ दिखाते हुए कहा कि लोकतंत्र में इस तरह का दबाव “चुनावी प्रक्रिया का मज़ाक” है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि उनका अभियान किसी दल के खिलाफ नहीं, बल्कि राजनीतिक व्यवस्था के सुधार के लिए है, लेकिन सत्ता पक्ष उन्हें रोकने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने चुनाव आयोग से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है और कहा कि वे पीछे नहीं हटेंगे।
वहीं, भाजपा नेताओं ने पीके के आरोपों को राजनीतिक स्टंट बताया है। उनका कहना है कि जनसुराज अभियान लोकप्रियता पाने के लिए झूठे आरोपों का सहारा ले रहा है। इस बयान के बाद बिहार की सियासत में फिर से हलचल बढ़ गई है।