बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकार की सड़क निर्माण उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि राज्य ने बीते दो दशकों में बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव देखा है। उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 2005 से पहले बिहार की सड़कें जर्जर थीं, लोगों को छोटी दूरी तय करने में भी घंटे लगते थे और पुल-पुलियों की कमी के कारण कई जिलों का संपर्क पटना से टूट जाता था। मुख्यमंत्री ने कहा, “एक समय ऐसा था जब सड़कों पर गड्ढा था या गड्ढे में सड़क, यह समझना मुश्किल था। लेकिन आज बिहार हर जिले में बेहतर सड़कों के जरिए जुड़ चुका है।”
नीतीश कुमार ने कहा कि 2005 के बाद उनकी सरकार ने सड़क निर्माण को शीर्ष प्राथमिकता दी। राज्य में 20 से अधिक बड़े पुल बनाए गए हैं, जिनमें वीर कुंवर सिंह सेतु (भोजपुर), जेपी सेतु (पटना), श्रीकृष्ण सिंह सेतु (मुंगेर), कच्ची दरगाह-राघोपुर सिक्स लेन पुल, औंटा-सिमरिया पुल जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। वर्तमान में गंगा नदी पर 10 नए पुलों का निर्माण कार्य जारी है, जबकि कोसी, गंडक और सोन नदियों पर भी कई नए पुल और पुलियों का जाल बिछाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2007-08 में शुरू हुई मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना के तहत अब तक 6,000 से अधिक पुल-पुलियों का निर्माण किया जा चुका है और 649 नए पुलों की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने कहा कि अब राज्य में रेल ओवरब्रिज की संख्या 11 से बढ़कर 87 हो गई है और 40 से अधिक नए आरओबी निर्माणाधीन हैं। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत अब तक 1,18,005 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण पूरा किया गया है। नीतीश ने जनता से अपील की — “हमारी सरकार ने जो आपके लिए काम किए हैं, उन्हें याद रखिए। बिहार अब विकास और कनेक्टिविटी के नए दौर में प्रवेश कर चुका है।”

