पटना:आर्थिक रूप से कमजोर व समाज के सबसे कमजोर पिछड़ी जाति से आने वाली महिलाएं जो बिहार के सरकारी अस्पतालों में मामूली इंसेंटिव पर ममता दीदी के तौर पर काम करती है ने आज पटना के ऑल इंडिया सेंट्रल कॉउन्सिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (ऐक्टू) राज्य कार्यालय में ऐक्टू व इससे जुड़े आल इंडिया स्कीम वर्कर नेत्री सह बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ अध्यक्ष शशि यादव व सिवान की आशा की नेता मालती राम के अगुवाई में बैठक किया।
संपन्न बैठक से ममता वर्करों ने स्वतन्त्र दावेदारी के तहत अपनी जरुरतों से जुड़ी मांगों को सरकार के समक्ष उठाने और आंदोलन खड़ा करने के लिए ऐक्टू के संबद्धता में राज्यस्तर पर एक मजबूत संगठन खड़ा करने का निर्णय लिया और इसके लिए “बिहार राज्य ममता कार्यकर्ता संघ” नाम से संगठन का गठन किया।
ऐक्टू सह स्कीम वर्कर आशा नेत्री शशि यादव के अध्यक्षता में सम्पन्न हुए बैठक से म बिहार राज्य ममता कार्यकर्ता संघ” का एक ग्यारह सदस्यीय संयोजन समिति का गठन किया गया। जिसमें सावित्री गुप्ता को संयोजक व सुनीता तथा ऊषा देवी दोनों को सह संयोजक चुना गया तथा अर्चना,सबिता, रंजू , संगीता और बबीता देवी , देवी जी को राज्यस्तरीय संयोजन समिति का सदस्य बनाई गई।
शशि यादव ,मालती राम व सावित्री गुप्ता ने जारी प्रेस बयान में बताया कि मोदी राज में वैसे तो सभी स्कीम वर्कर उवेक्षित ही नहीं बल्कि कोई पूछने वाला भी नहीं है लेकिन आर्थि रूप से और समाज में सबसे कमजोर हैसियत के मामले में ममता वर्कर है वो किस बुरे हालात में अस्पतालों में काम करती है इसका सुध लेने वाला भी कोई नहीं है इसलिए स्वतन्त्र हैसियत और दावेदारी के तहत सरकार से अपने हक अधिकार की मांगें मनवाने के उद्देश्य से इस संगठन का गठन ऐक्टू के नेतृत्व में किया गया है।
दोनों नेताओं ने कहा कि ममता को सरकारी कमर्चारी घोषित करने, 18 हजार वेतनमान देनेऔर ममता से दाई का काम लेना बंद करने की मांग प्रमुख रूप से सरकार के समझ उठाया जाएगा ,उक्त व अन्य मांगों से संबंधित मांग पत्र जल्द ही राज्य सरकार को सौंपा जाएगा। नेताओं ने यह भी बताया कि कुछ दिनों बाद एक बड़ी बैठक पटना में करने का निर्णय लिया गया ।