नयी दिल्ली: छत्तीसगढ़ में जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं राजनीतिक जांबा जी अभी तेज होती जा रही हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बड़ा रूप लगाते हुए एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट यानी प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई अन्वेषण यूरो के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनके कुछ करीबियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई का मकसद सिर्फ उनकी सरकार को बदनाम और अस्थिर करना है, लेकिन वह डरने वाले नहीं हैं।उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि प्रदेश में अब उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी का कोई प्रत्याशी नहीं, बल्कि ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) चुनाव लड़ेंगे।
इससे पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ईडी की कार्रवाई पर पूर्व सीएम रमन सिंह में जमकर जुबानी जंग चल रही है। एक दूसरे पर खूब आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि महादेव सट्टा एप पर राज्य सरकार ने कार्रवाई की है। ईडी को महादेव सट्टा एप के सौरभ चंद्राकर को गिरफ्तार करना चाहिए, जो कि देश बाहर बैठा हुआ है। इस पर सरकार ने लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया है, लेकिन ईडी राजनीतिक साजिश के तहत छत्तीसगढ़ में काम कर रही है। केवल अधिकारियों को पॉलिटिकल एंगल से ही देखा। अधिकारी का चुनाव में कैसे उपयोग कर सके, केवल यही देखा गया। भाजपा मान चुकी है कि पाटन में विजय बघेल की दाल गलने वाली नहीं है , इसलिए ईडी को भेजा गया है। ये केंद्र की राजनीतिक षडयंत्र है।

