पटना:हस्त शिल्प, स्वाद , संस्कृति एवं परम्परा को प्रदर्शित करती बिहार सरस मेला का आगाज़ बुधवार को ज्ञान भवन, पटना में हो गया l स्वयं सहायता समूह से जुडी महिला उद्यमियों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प, कलाकृतियों व्यंजन एवं परम्परा को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) द्वारा आयोजित बिहार सरस मेला का विधिवत उद्घाटन श्री श्रवण कुमार, माननीय मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग , बिहार सरकार ने किया l माननीय मंत्री जी ने ज्ञान भवन के मुख्य द्वार पर फीता काटकर सरस मेला का शुभारंभ किया l इससे पूर्व माननीय मंत्री जी का स्वागत डा.एन. सरवन कुमार , सचिव, ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार ने पुष्प गुच्छ देकर किया l तत्पश्चात माननीय मंत्री जी ने मेला परिसर में लगे विविध स्टॉल का भ्रमण किया और ग्रामीण महिला शिल्पकारों द्वारा बनाये गए शिल्प, कलाकृतियाँ, उत्पादों एवं व्यंजनों की तारीफ़ की l तत्पश्चात माननीय मंत्री श्री श्रवण कुमार ने मुख्य मंच पर दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ कार्यक्रम की शुरवात की l आगत अतिथियों का मंच पर पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया l स्वागत संबोधन श्री राम निरंजन सिंह, निदेशक, बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) ने किया l आगत तिथियों का स्वागत करते हुए निदेशक , जीविका ने अपने संबोधन में कहा कि इस बार बिहार समेत 22 राज्यों की स्वयं सहायता समूह से जुडी महिला उद्यमी अपने हस्तशिल्प, कलाकृतियाँ, स्वाद, व्यंजन और परम्परा को लेकर 135 स्टॉल पर उपस्थित हैं l बिहार के सभी जिला से जीविका से सम्बद्ध स्वयं सहायता समूह से जुडी जीविका दीदियाँ भी अपने विभिन्न उत्पादों को लेकर उपस्थित हैं l ग्रामीण शिल्प को एक मंच प्रदान करते हुए उसे बाज़ार उपलब्ध कराना इस मेला का उदेश्य है और प्रतिवर्ष सरस मेला के प्रति लोगों के आकर्षण में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है l आगंतुकों की संख्या और खरीद-बिक्री के आंकड़ों में निरंतर वृद्धि बिहार सरस के प्रति आगंतुकों के क्रेज को दर्शाता है l तत्पश्चात डा.एन.सरवन कुमार, सचिव, ग्रामीण विकास विभाग ने अपना उद्बोधन व्यक्त किया l इस अवसर पर सचिव, ग्रामीण विकास, विभाग ने कहा कि ग्रामीण शिल्प और उत्पादों को बेचने के लिए सरस मेला एक बड़ा माध्यम है l उन्होंने कहा कि जीविका ने समाज में बड़ा बदलाव लाया है l इससे पूर्व श्री तनय सुल्तानिया , उप विकास आयुक्त, पटना ने कहा कि सरस मेला के माध्यम से ग्रामीण परिवेश की महिलाएं राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रही हैं l ग्रामीण शिल्प और हस्तकला के सबसे बड़े बाज़ार में आकर बिहार के देश भर की स्वयं सहायता समूह से जुडी महिलाएं लाभान्वित हो रही है l
अंत में अपने संबोधन में श्री श्रवण कुमार जी ने कहा कि प्रति बर्ष सरस मेला के आयोजन में निखर आ रहा है साथ ही गाँव के शिल्पकारों को बेहतर मंच भी मिल रहा है l बड़े पैमाने पर एक ही चाट के नीचे हुनरमंद शिल्पकारों को मौका और प्रोत्साहन दिया जा रहा है l ग्रामीण विकास विभाग महिलाओं के स्वावलंबन के लिए तत्पर है और हरसंभव सहयोग प्रदान किया जा रहा है l माननीय मंत्री जी ने जीविका के कार्यों की सराहना की और कहा कि जीविका दीदियाँ अब कुशल उद्यमी बनने की ओर अग्रसर हैं l उन्होंने जीविका दीदियों द्वारा संचालित दीदी की रसोई की भी सराहना की l अंत में आगत अतिथियों को जीविका दीदियों ने स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया l अगत अतिथियों धन्यवाद ज्ञापन श्री राजेश कुमार , विशेष कार्य पदाधिकारी, जीविका ने करते हुए कहा कि सरस मेला के माध्यम से जीविका दीदियाँ संस्कृति और परंपरा को पुनर्जीवित कर रही हैं l
सरस मेला का सबसे खास आकर्षण जीविका दीदियों द्वारा संचालित दीदी की रसोई, शिल्पग्राम एवं मधुग्राम है l इसके साथ ही जीविका द्वारा संचालित सतत जीविकोपार्जन योजना के स्टॉल से आगंतुक गरीबी उन्मूलन की दिशा में किये जा रहे कार्यों से रूबरू हो रहे हैं l इसके अलावा महिला विकास निगम के और बिहार महिला उद्द्योग संघ के स्टॉल पर राज्य में हो रहे विकासात्मक कार्यों की प्रदर्शनी एवं उत्पादों की खरीद -बिक्री हो रही है l सरस मेला को फोर नाइन मीडिया प्राईवेट लिमिटेड, दिल्ली ने सजाया-संवारा है l बिहार सरस मेला 20 सितंबर से शुरू होकर 27 सितंबर तक चलेगा l मेला का समय सुबह 10 बजे से शाम 8 बजे तक निर्धारित l प्रवेश निःशुल्क है l