NEW DELHI:यूपीएससी ने प्रशिक्षु आईएएस पूजा खेडकर के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। उन पर फर्जी तरीके से सिविल सेवा परीक्षा में बैठने, नाम और पहचान छिपाने के साथ-साथ जाली दस्तावेज देने के आरोप में यूपीएससी ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पूजा खेडकर के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी, आईटी एक्ट और विकलांगता एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 की उनकी उम्मीदवारी को रद्द करने का फैसला किया है और भविष्य की परीक्षाओं में शामिल होने से रोकने के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।
यह मामला यूपीएससी द्वारा की गई जांच के बाद सामने आया है, जिसमें पाया गया कि पूजा खेडकर ने अपने नाम, माता-पिता के नाम, तस्वीर और हस्ताक्षर, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर अपनी असली पहचान छिपाने की कोशिश की है। इसके अलावा, उन पर धोखाधड़ी करके परीक्षा नियमों के तहत अनुमेय सीमा से अधिक प्रयासों का लाभ उठाने का भी आरोप है।
20 जुलाई तक पुलिस कस्टडी में पूजा खेडकर की मां
इससे पहले गुरुवार को प्रशिक्षु IAS अधिकारी पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर के खिलाफ जमीन विवाद मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया था. मनोरमा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने जमीन विवाद में बंदूक दिखाकर कुछ लोगों को धमकाने की कोशिश की थी. पुलिस ने उनके खिलाफ आईपीसी की धारा-307 जोड़कर मामला दर्ज किया है. इसके बाद पौड की अदालत ने उन्हें 20 जुलाई तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया. बता दें, साल 2023 का एक वीडियो हाल में सामने आया था जिसमें मनोरमा पुणे के मुलशी तहसील के धडवाली गांव में भूमि विवाद को लेकर कुछ लोगों को कथित तौर पर बंदूक दिखाकर धमकाती नजर आ रही थीं. इसके बाद से पुलिस मनोरमा और उनके पति दिलीप खेडकर की तलाश में जुटी थी. मनोरमा खेडकर एक लॉज में नाम बदलकर छुपी थीं.
सवालों में घेर में हैं पूजा
बता दें प्रशिक्षु आईएएस पूजा खेडकर अपने दिव्यांगता और ओबीसी प्रमाण पत्र को लेकर सवालों के घेरे में हैं. पुणे कलेक्टर कार्यालय में तैनाती के दौरान किए गए आचरण को लेकर भी उनके खिलाफ जांच की जा रही है. विवाद के कारण बीते मंगलवार को उनका जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को भी स्थगित कर दिया और उन्हें 23 जुलाई तक लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में रिपोर्ट करने को कहा गया है.