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Bihar By-Election: जनसुराज ने किया प्रत्याशियों का एलान, बेलागंज से प्रोफेसर और इमामगंज से डॉक्टर को उतारा

Bihar By-Election: जनसुराज ने किया प्रत्याशियों का एलान, बेलागंज से प्रोफेसर और इमामगंज से डॉक्टर को उतारा
Bihar News: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज ने विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने दो प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है। खास बात यह है कि जिस प्रत्याशी के कारण एक दिन पहले प्रशांत किशोर की सभा में कुर्सियां फेंकी गई थीं, उसी को जनसुराज ने बेलागंज से टिकट दिया है। यह प्रत्याशी हैं प्रोफेसर खिलाफत हुसैन, जो मिर्जा गालिब कॉलेज में गणित के प्रोफेसर हैं। वहीं, इमामगंज से डॉक्टर जितेंद्र कुमार को जनसुराज ने अपना उम्मीदवार बनाया है। डॉक्टर जितेंद्र कुमार एक शिशु रोग विशेषज्ञ हैं और कम पैसों में इलाज करने के लिए प्रसिद्ध हैं।

शनिवार दोपहर जनसुराज के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज भारती ने इन दोनों प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की। अब तक जनसुराज तीन विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर चुकी है। सबसे पहले तरारी से पूर्व उपसेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल कृष्ण सिंह के नाम की घोषणा की गई थी, और अब प्रो. खिलाफत हुसैन और डॉ. जितेंद्र पासवान को प्रत्याशी घोषित किया गया है।प्रशांत किशोर ने उम्मीदवार चयन प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जनसुराज हमेशा सही लोगों का चयन करता है, न कि केवल ताकतवर लोगों का। जनसुराज का उम्मीदवार बनने के लिए योग्यता, स्वच्छ छवि, जनता के बीच सक्रियता और बिहार को बेहतर बनाने का संकल्प महत्वपूर्ण हैं। यहां पैसे लेकर या बंद कमरे में बैठकर टिकट नहीं दिया जाता और न ही यह पारिवारिक पार्टियों की तरह है, जहां सिर्फ नेताओं के बच्चों को मौका मिलता है।

इमामगंज में पीके ने क्यों लगाया डॉ जितेंद्र पासवान पर दांव?
पीके ने डॉक्टर जितेंद्र पासवान को इमामगंज से उम्मीदवार बनाकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। जितेंद्र पासवान का मुकाबला जीतन राम मांझी की पार्टी से होगा। जीतन राम मांझी इमामगंज से विधायक थे और अब लोकसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री हैं।डॉक्टर जितेंद्र पासवान शिशु रोग विशेषज्ञ हैं और कम फीस में इलाज के लिए जाने जाते हैं। कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने लोगों की सेवा की थी। वे पूर्व मुखिया प्रतिनिधि और पूर्व पंचायत समिति प्रतिनिधि भी रह चुके हैं।

पीके ने बेलागंज में प्रो खिलाफत हुसैन को क्यों उतारा?
बेलागंज में मुकाबला इसलिए भी दिलचस्प है, क्योंकि यह सीट राजद का गढ़ रही है। सुरेंद्र यादव यहां से विधायक थे और अब जहानाबाद से सांसद हैं। जन सुराज ने बेलागंज से प्रोफेसर खिलाफत हुसैन को उम्मीदवार बनाया है, जो मिर्जा ग़ालिब कॉलेज में गणित विभाग के अध्यक्ष रह चुके हैं। माना जा रहा है कि पीके बेलागंज में मुस्लिम-यादव समीकरण को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।प्रोफेसर खिलाफत हुसैन 1976 से 2002 तक मिर्जा ग़ालिब कॉलेज में गणित के प्राध्यापक रहे हैं। इससे पहले वे 1972 से 1976 तक आजाद हाई स्कूल, चाकंद, गया में गणित शिक्षक थे। उनकी बहू हबीबा बिंत मंसूर मिर्जा ग़ालिब कॉलेज में प्राणी विज्ञान की प्रदर्शक हैं और उनके बेटे मुजफ्फर अहमद अरमान मिर्जा ग़ालिब कॉलेज में फारसी के शिक्षक हैं।

तरारी से एसके सिंह को पहले ही प्रत्याशी बना चुके हैं पीके
पीके की रणनीति अलग तरह की राजनीति करने की है। जितेंद्र पासवान एक गैर-मांझी दलित चेहरा हैं। तरारी से एसके सिंह को पहले भी उम्मीदवार बनाया गया था, जो सवर्ण वोटों में सेंधमारी कर सकते हैं। कुल मिलाकर, पीके ने तीनों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारकर सियासी हलचल तेज कर दी है। अब देखना होगा कि रामगढ़ से वे किसे उम्मीदवार बनाते हैं।

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