पटना: बिहार की चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। एनडीए ने इन चार सीटों में से दो पर बीजेपी, एक पर जदयू, और एक पर हम पार्टी के उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। बीजेपी के उम्मीदवार रामगढ़ और तरारी से होंगे, जबकि जदयू बेलागंज से और हम पार्टी का उम्मीदवार इमामगंज से चुनाव लड़ेगा। हम पार्टी ने रविवार को इमामगंज सीट से दीपा मांझी को अपना उम्मीदवार घोषित किया। दीपा मांझी को केंद्रीय मंत्री और हम पार्टी के प्रमुख जीतन राम मांझी ने उम्मीदवार बनाया है।
दीपा मांझी की सीएम नीतीश से मुलाकात
एनडीए की उम्मीदवार घोषित होने के अगले ही दिन, दीपा मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की। 21 अक्टूबर को हुई इस मुलाकात के दौरान दीपा मांझी के साथ उनके पति और जीतन राम मांझी के बेटे, संतोष सुमन भी मौजूद थे। सीएम नीतीश ने दीपा मांझी को जीत का मंत्र देते हुए चुनावी रणनीति पर चर्चा की। 13 नवंबर को रामगढ़, इमामगंज, बेलागंज, और तरारी सीटों पर उपचुनाव होना है।
ससुर का विश्वास
नामांकन प्रक्रिया जारी है और 25 अक्टूबर इसकी अंतिम तारीख है। दीपा मांझी हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार के मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन की पत्नी हैं। जीतन राम मांझी के गया लोकसभा सीट से जीतने के कारण इमामगंज में उपचुनाव हो रहे हैं, और उन्होंने इस बार अपनी बहू दीपा मांझी पर भरोसा जताते हुए उन्हें उम्मीदवार बनाया है।
मांझी का प्रभाव
इमामगंज सीट पर 2015 से जीतन राम मांझी विधायक हैं। 2015 के विधानसभा चुनाव से पहले मांझी को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था, जिसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा बनाई और भाजपा से गठबंधन किया। 2015 में उन्होंने जदयू के दिग्गज नेता उदय नारायण चौधरी को करीब 30,000 वोटों से हराया था। मांझी ने 2015 में दो जगहों से चुनाव लड़ा था, जिसमें मखदूमपुर में हार और इमामगंज में जीत मिली थी। 2020 के चुनाव में भी उन्होंने चौधरी को हराया था।
त्रिकोणीय मुकाबला
इस बार के उपचुनाव में राजद ने राजेश मांझी को और जनसुराज ने डॉ. जितेन्द्र पासवान को उम्मीदवार बनाया है। यहां त्रिकोणीय मुकाबले की उम्मीद है, जिसमें जीतन राम मांझी की प्रतिष्ठा दांव पर है।