Kartik Purnima 2024:कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर बिहार के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। पटना, बक्सर, भागलपुर, वैशाली, कटिहार, मुंगेर, बेगूसराय सहित विभिन्न जिलों में गंगा स्नान के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। गुरुवार रात से ही श्रद्धालु घाटों पर जुटने लगे थे और रात घाटों पर ही बिताई। ब्रह्ममुहूर्त में गंगा स्नान कर लोगों ने माता गंगा की पूजा-अर्चना की और दान-पुण्य कर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
पटना के प्रमुख घाटों पर उमड़ी भीड़
पटना में एनआईटी घाट, कृष्णा घाट, एलसीटी घाट, बांस घाट, दीघा-पाटलिपुल घाट, फतुहा त्रिवेणी घाट, मस्ताना घाट और कटैया घाट सहित प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। जिला प्रशासन ने चेंजिंग रूम, पिंक टॉयलेट और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी राजीव मिश्रा ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पहले ही निर्देश दिए थे। हालांकि, भीड़ के कारण कई इलाकों में जाम की स्थिति बन गई।
सारण जिले के घाटों पर भव्य आयोजन
सारण जिले के डोरीगंज, रिविलगंज, मांझी और दिघवारा के घाटों पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। बंगाली बाबा घाट, नाथ बाबा घाट, सेमरिया घाट, रामघाट और अंबिका भवानी शक्तिपीठ के समीप आमी घाट पर स्नान और पूजा-अर्चना का सिलसिला सुबह से ही जारी रहा। हरिहर क्षेत्र सोनपुर में काली घाट और सबलपुर घाट पर दीपों की छटा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने पर्व को और भव्य बना दिया।
बक्सर में उमड़ा जनसैलाब
बक्सर में उतरायणी मां गंगा के विशेष महत्व के कारण यहां श्रद्धालुओं का जनसैलाब देखने को मिला। रामरेखा, नाथ बाबा और गोला घाट सहित अन्य घाटों पर सुबह से ही स्नान के लिए भीड़ जुटी रही। आसपास के जिलों रोहतास, कैमूर, भोजपुर के साथ-साथ यूपी और नेपाल से भी श्रद्धालु पहुंचे। रेलवे स्टेशन और सड़कों पर भारी भीड़ और जाम की स्थिति बनी रही।
मुजफ्फरपुर में भी मेले जैसा माहौल
मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक नदी के घाटों पर स्नान और पूजा-अर्चना के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। अखाड़ा घाट, रेवा घाट और अन्य घाटों पर मेले जैसा दृश्य था। श्रद्धालुओं ने मां गंगा की आरती की और अपने परिवार के कल्याण के लिए दान-पुण्य किया।
सरकार की ओर से पुख्ता इंतजाम
राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने भीड़ को देखते हुए सुरक्षा और सुविधा के व्यापक इंतजाम किए थे। घाटों पर पुलिस बल तैनात किया गया था और रूट प्लान पहले से तैयार कर लिया गया था। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए निगरानी के साथ अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गईं। कार्तिक पूर्णिमा के इस महापर्व ने बिहार के घाटों को श्रद्धा और आस्था से सराबोर कर दिया। मां गंगा की पूजा-अर्चना और दान-पुण्य ने इस दिन को और पावन बना दिया।