BPSC TRE:बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा आयोजित दूसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर भी लीक हुआ था। यह खुलासा आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की जांच रिपोर्ट में हुआ है। ईओयू ने टीआरई-3 पेपर लीक मामले में चार्जशीट कोर्ट में जमा कर दी है, जिसमें यह बताया गया है कि शिक्षा माफियाओं ने टीआरई-3 से पहले टीआरई-2 का पेपर भी लीक किया था। उल्लेखनीय है कि इस परीक्षा में 1,22,000 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए थे।
पेपर लीक की प्रक्रिया
टीआरई-2 की परीक्षा 7 से 15 दिसंबर, 2022 के बीच आयोजित हुई थी। जांच में पता चला कि परीक्षा के प्रश्नपत्र विभिन्न जिलों तक ले जाने के दौरान लीक हुए थे। इस प्रक्रिया में भोजपुर के पिकअप चालक शिवकांत सिंह की भूमिका सामने आई। शिवकांत और राहुल नामक व्यक्ति परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र लेकर पटना से मोतिहारी के लिए निकले थे। जांच में शिवकांत ने खुलासा किया कि सराय टोल टैक्स पर उनकी गाड़ी रोककर दो सरकारी वाहन (स्कॉर्पियो और एल्ट्रोज) पहुंचे, जिनमें सात लोग उतरे। इन लोगों ने प्रश्नपत्र वाला एक बॉक्स पिकअप से उतारकर अपनी गाड़ी में रख लिया। इसके बाद एक व्यक्ति, सुमित, पिकअप में बैठ गया और गाड़ियां आगे बढ़ गईं।
जब शिवकांत और सुमित मुजफ्फरपुर पहुंचे, तो स्कॉर्पियो और एल्ट्रोज वहां पहले से खड़ी थीं। बॉक्स को वापस पिकअप में रखा गया, और फिर शिवकांत और सुमित प्रश्नपत्र लेकर मोतिहारी डीएम कार्यालय के लिए रवाना हो गए। शिवकांत ने बताया कि राहुल ने उसे इस काम के लिए ₹5000 का भुगतान किया था।ईओयू की जांच में पुष्टि हुई कि टीआरई-2 का प्रश्नपत्र परिवहन के दौरान ही लीक किया गया था।
टीआरई-3 परीक्षा और गिरफ्तारी:
तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई-3) का पेपर 15 मार्च को लीक हुआ था, जिसके कारण परीक्षा रद्द कर दी गई थी। बाद में बीपीएससी ने 19 से 22 जुलाई तक पुनः परीक्षा आयोजित की। इसका परिणाम 15 नवंबर को घोषित किया गया। अब तक टीआरई-3 पेपर लीक मामले में 266 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। यह पेपर लीक प्रकरण न केवल शिक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाता है, बल्कि परीक्षाओं की सुरक्षा प्रणाली में बड़ी खामियों की ओर भी इशारा करता है।