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नीतीश ही फेस, नीतीश ही बेस्ट

पटना: बिहार की सियासत में शनिवार को कई अहम घटनाएं घटीं, खासकर महाराष्ट्र में एनडीए की शानदार जीत के बाद। इस जीत के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की और उन्हें बधाई तथा शुभकामनाएं दीं। इसी दौरान जब दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में एनडीए की बड़ी जीत का जश्न मनाया जा रहा था, तो प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार विधानसभा उपचुनाव में एनडीए की जीत का विशेष उल्लेख किया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व की तारीफ की।

प्रधानमंत्री मोदी से पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी नीतीश कुमार के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि बिहार उपचुनाव में चारों सीटों पर एनडीए ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में जीत हासिल की। यह जीत महत्वपूर्ण तो है ही, लेकिन उससे भी बड़ी बात यह है कि मोदी और नड्डा दोनों ने एकसाथ नीतीश कुमार की प्रशंसा की, जो बिहार की राजनीति के लिहाज से एक बड़ा सियासी संदेश है।

बिहार में अगर आप देखेंगे, तो उपचुनाव में जीत के बाद एनडीए के सभी नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास एक अणे मार्ग पर जुटे और सामूहिक फोटोग्राफ खिंचवाया। यह भी एक बड़ा राजनीतिक संदेश था। इसके साथ ही पटना की सड़कों पर लगे पोस्टरों में ‘2025 फिर से नीतीश कुमार’ का नारा भी उभरा, जो और भी बड़ा सियासी संकेत था।

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि महाराष्ट्र में एनडीए की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए खास तौर पर बिहार का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने ‘कुर्सी फर्स्ट’ को नकारा है और वहां की जीत यह संदेश देती है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी से बड़ी बात एनडीए की एकता की जीत है। यह बात बिहार के संदर्भ में भी लागू होती है, जहां पीएम मोदी का यह साफ संदेश था कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए आगामी चुनावों में भी एकजुट होकर लड़ेगा।

इसका संकेत तब भी मिला जब डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी समेत अन्य दिग्गज नेताओं ने जीत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ‘एकजुटता’ वाली फोटो खिंचवाई। लोजपा रामविलास (चिराग पासवान की पार्टी) के नेता भी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और नीतीश कुमार को बधाई दी। यह दिखाता है कि एनडीए की रणनीति ‘एक हैं तो सेफ हैं’ पर आधारित है और बिहार में यह संदेश मजबूत हुआ है।

राजनीति के जानकार मानते हैं कि बिहार के उपचुनाव में एनडीए की शानदार जीत ने नीतीश कुमार का कद एक बार फिर बढ़ा दिया है। पटना की सड़कों पर लगे पोस्टरों में जहां ‘2025 फिर से नीतीश कुमार’ का नारा है, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का चेहरा भी बड़े आकार में दिखाया गया है। इन पोस्टरों में पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा, चिराग पासवान, जीतन राम मांझी, दिलीप जायसवाल और जेडीयू के अन्य नेताओं की तस्वीरें भी हैं, जो यह संदेश देती हैं कि नीतीश कुमार ही एनडीए के प्रमुख चेहरे हैं और उनका नेतृत्व ही पार्टी की सफलता की कुंजी है।

इसकी पुष्टि उपचुनाव में चारों सीटों पर एनडीए की जीत से भी होती है। खासकर भोजपुर की तरारी सीट पर बीजेपी की जीत और बेलागंज में जेडीयू के उम्मीदवार की राजद के 32 साल पुराने किले को ध्वस्त करने की घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि एनडीए की एकजुटता और नीतीश कुमार का नेतृत्व ही निर्णायक साबित हुआ है।

बीजेपी नेताओं का मानना है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में यह जीत नीतीश कुमार के नेतृत्व पर मुहर लगाती है। एनडीए के नेताओं का कहना है कि जब तक नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं, तब तक बिहार में एनडीए की सरकार की सफलता सुनिश्चित है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के विकास के लिए जो योजनाएं शुरू की हैं, उनका असर साफ दिख रहा है, और नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का विकास आगे बढ़ेगा।

जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी कहा कि नीतीश कुमार ने 19 सालों से बिहार का नेतृत्व किया है और जब तक वह मुख्यमंत्री हैं, तब तक एनडीए बिहार में मजबूती से सरकार चलाता रहेगा।**

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