पटना: बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक राकेश रौशन ने एक अनोखे तरीके से सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। वे विधानसभा पहुंचे और अपनी आंखों पर काली पट्टी बांध रखी थी, साथ ही उनके हाथों में कुछ तख्तियां थीं जिन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार की नीतियों के खिलाफ नारे लिखे हुए थे।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए राकेश रौशन ने कहा, “मुझे कुछ नहीं दिख रहा है। मैं तो ‘सुशासन बाबू’ हूं। 2005 के बाद से बिहार में जिन लोगों ने सुशासन की सरकार होने का दावा किया, अब वे खुद भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे हुए हैं। सृजन घोटाला, दवा घोटाला, शौचालय घोटाला, इंदिरा आवास और मुख्यमंत्री आवास योजनाओं में हुए घोटाले—इन सबके बावजूद बिहार में ‘सुशासन’ का दावा किया जा रहा है। मुझे तो कुछ भी नहीं दिखता।”
रौशन ने आगे कहा कि बिहार में हो रही घटनाओं को लेकर जो लोग सुशासन की बात करते हैं, उन्हें आइना दिखाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि भी सुरक्षित नहीं हैं, स्कूल बैग में शराब ढोई जा रही है, और बिहार के विभिन्न जिलों में हत्याएं, लूट और फिरौती की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इसके साथ ही, शिक्षित युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। उन्होंने अपने विरोध का समापन इस नारे के साथ किया: “शराब नहीं किताब दो, मदिरालय नहीं विद्यालय दो।”
गौरतलब है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी मंगलवार को विधानसभा में अवैध शराब के मुद्दे पर सरकार से तीखा सवाल किया था। विपक्षी दलों ने हाल के महीनों में जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले को जोर-शोर से उठाया है।

