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सरस मेला में स्वयं सहायता समूह से जुडी महिला उद्यमी सदियों पुरानी लोक कला एवं हस्तशिल्प को पुनर्जीवित कर रही हैं

पटना:देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृति, परंपरा और हस्तशिल्प को अपने अन्दर समेटे बिहार सरस मेला अब अपने स्वरुप में आ गया है l गुरुवार को बिहार सरस मेला का शुभारंभ मंत्री ग्रामीण विकास विभाग श्रवण कुमार ने किया है l बिहार सरस मेला में 25 राज्यों की 3 सौ से अधिक स्वयं सहायता समूह से जुडी महिला उद्यमी सदियों पुरानी लोक कला एवं हस्तशिल्प को पुनर्जीवित कर रही हैं lवर्तमान पीढ़ी अपनी संस्कृति एवं परंपरा से सरस मेला मेरुब्रू हो रही है l इसके साथ ही आगंतुक देशी व्यंजनों का लुत्फ़ भी उठा रही है l दीदी की रसोई समेत व्यंजनों के स्टॉल पर विभिन्न प्रदेशों की मिठाइयाँ लोगो को लुभा रही है l खगड़िया की जीविका दीदी द्वारा बनाई गई मक्के की रोटी ,चने की साग और शामक चावल का खीर का स्वाद आगंतुक ले रहे हैं l

बिहार सरस मेला बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति , जीविका द्वारा 26 दिसंबर तक आयोजित है l सरस मेला ग्रामीण उद्यमिता को समर्पित है l मेला में ऐसी सैकड़ो ग्रामीण महिलाएं एक कुशल उद्यमी के तौर पर आई हैं जो कल तक किसी और के खेत ,दुकान या मकान में चाकरी करती थी l हाजीपुर से आई सुनीता देवी उन्ही महिलाओं में से एक हैं l चार साल पहले पति राजेश पंडित की असमय मृत्य के बाद सुनीता स्थानीय नर्सरी में दिहाड़ी मजदुर थी l आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी l लिहाजा सागर जीविका महिला ग्राम संगठन ने सतत जीविकोपार्जन योजना से लाभ देने के लिए इनके नाम का अनुमोदन किया l अनुभव के आधार पर इन्होने नर्सरी की शुरुवात की l इनके नर्सरी से फूल , शो प्लांट,औषधि प्लांट, महोगनी, सागवान आदि की खूब बिक्री होती है l प्रति माह 8 से 10 हजार का मुनाफा हो रहा है l कल तक दस रुपये के लिए मोहताज़ सुनीता देवी की पहचान अब लखपतिया दीदी के रूप में हैं l सुनीता देवी सरस मेला में पहली बार आई हैं l और यहाँ आकर वो काफी उत्साहित है l सुनीता देवी की तरह ही यहाँ आई ग्रामीण महिलाएं महिला सशक्तिकरण एवं स्वावलंबन की तस्वीर 5 सौ से अधिक स्टॉल पर प्रदर्शित कर रही हैं l ग्रामीण उद्यमिता के प्रदर्शनी के साथ ही सेमीनार और सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से भी आगंतुक नई तकनीक और लोक संस्कृति तथा लोक कला से रूबरू हो रहे हैं lशुक्रवार को सेमिनार हाल में सीडेनता फाउंडेशन द्वारा कृषि उद्यमिता के नए अवयव विषय पर विचारों का आदान-प्रदान कार्यक्रम आयोजित हुआ l इस कार्यक्रम में कृषि उद्यमियों ने कृषि क्रांति की सफलता की तस्वीर पेश की l बिहार की पहली ड्रोन चलाने वाली जीविका दीदी सोनी कुमारी ने बतौर कृषि सलाहकार स्थापित होने और फिर ड्रोन चलाने वाली दीदी के तौर पर खुद को स्थापित करने की कहानी सुनाई l गौरव सिंह, प्रोजेक्ट संयोजक , ने कृषि के अत्याधुनिक तकनीक के बारे में बताया l

संध्या समय में मुख्य सांस्कृतिक मंच पर अक्षत इवेंट इंटरतेंमेंट द्वारा नाटक, मैजिक शो , लोक गीत एवं लोक नृत्य की प्रस्तुति की गई lअपन बिहार के माध्यम से बिहार गाथा लोक कलाकारों ने नृत्य द्वारा प्रस्तुत की l जाट-जटीन , झिझिया , झूमर आदि की प्रस्तुति ने दर्शकों को झुमाया l कलाकारों में राधा, प्रियंका, सलोनी,मधुमिता आदि रही l मंच संचालन गुलाम सिमनानी ने किया ल्संस्कृतिक कार्यक्रम की संयोजक नाजिश बानो एवं आशा हैं lपालना घर, फ़ूड ज़ोन ,फन ज़ोन एवं एवं सेल्फी ज़ोन आकर्षण के खास केंद्र हैं l ग्राहक सेवा केंद्र से रुपये की जमा निकासी हो रही है l बैंक और विभिन्न विभाग आगंतुकों को सरकार की योजनाओं के बारे में बता रहे हैं l

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