भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने रविवार को कहा कि बिहार में चारों विधानसभा उपचुनाव में राजद की करारी हार और 2025 के विधानसभा चुनाव में संभावित पराजय को देखते हुए तेजस्वी यादव महिलाओं को लुभाने के लिए महज चुनावी जुमले छोड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के शासनकाल में महिलाएं और बच्चियां शाम ढलने के बाद घर से बाहर निकलने में असुरक्षित महसूस करती थीं। बच्चों की शिक्षा के नाम पर चरवाहा विद्यालय खोलने वाले अब महिलाओं के हितों की बात कर रहे हैं।
अरविंद ने तेजस्वी यादव को चुनौती देते हुए कहा, “अगर महिलाओं के प्रति सच में सम्मान है, तो नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी राजद की किसी महिला कार्यकर्ता या अपनी बहन को सौंपकर दिखाएं। आपने तो अपने बड़े भाई की कुर्सी पहले ही छीन ली है, अब अपनी सगी बहन को नेता प्रतिपक्ष का पद देकर दिखाइए। तभी बिहार की जनता को यकीन होगा कि आप महिलाओं के लिए कुछ करना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा कि जिनके पिता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महिला संवाद यात्रा को लेकर “आंख सेंकने” जैसा घटिया बयान देकर महिलाओं का अपमान करते हैं, वे महिलाओं के हितों की बात कैसे कर सकते हैं? तेजस्वी यादव चुनावी माहौल में महिलाओं को लेकर केवल दिखावटी बातें कर रहे हैं, जबकि बिहार की जनता उनकी सोच और नीयत को अच्छी तरह समझती है।
अरविंद ने आगे कहा कि जिस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिलाओं के प्रति बार-बार अपमानजनक टिप्पणियां करते हैं और जिनके शासनकाल में महिलाओं पर अत्याचार चरम पर था, वे अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महिला संवाद यात्रा और महिला विकास कार्यक्रमों से भयभीत हैं।
उन्होंने कहा कि राजद की हार से घबराए तेजस्वी यादव अब हवा में घोषणाएं कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें पता चल गया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महिला संवाद यात्रा के जरिए महिलाओं के उत्थान के लिए नई योजनाओं की घोषणा करने वाले हैं। यह साफ है कि महिलाओं के हितों को लेकर राजद की सोच केवल चुनावी जुमलेबाजी तक सीमित है।

