हम सभी ने अपने आसपास फ्लाईओवर देखे होंगे और उनके ऊपर से गुजरे भी होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में फ्लाईओवर के पहले निर्माण का डिज़ाइन किसने तैयार किया था? यह उपलब्धि शिरीष पटेल के नाम है, जो एक प्रसिद्ध टाउन प्लानर और इंजीनियर थे। शुक्रवार को 92 वर्ष की आयु में कैंसर से उनका निधन हो गया।
भारत के पहले फ्लाईओवर का डिज़ाइन
शिरीष पटेल ने मुंबई के केम्प्स कॉर्नर पर भारत के पहले फ्लाईओवर का डिज़ाइन तैयार किया था। यह उनकी प्रतिभा और दूरदर्शिता का परिणाम था, जिसने मुंबई के यातायात को नया आयाम दिया। पटेल का यह योगदान केवल मुंबई तक सीमित नहीं रहा, बल्कि नवी मुंबई और देश की अन्य शहरी परियोजनाओं के विकास में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
नवी मुंबई: एक मॉडल शहर का सपना
1960 और 1970 के दशक में, पटेल ने नवी मुंबई के विकास की अवधारणा को आगे बढ़ाया। उनका उद्देश्य मुंबई पर बढ़ते भार को कम करना और शहरी विकास को संतुलित रूप से सुनिश्चित करना था। उन्होंने राज्य सरकार के साथ मिलकर नवी मुंबई के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
सांस्कृतिक और पर्यावरणीय स्थिरता के पक्षधर
पटेल मुंबई की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध थे। उन्होंने खुली जगहों और पर्यावरणीय स्थिरता के महत्व को हमेशा प्राथमिकता दी। प्रसिद्ध संरक्षण वास्तुकार पंकज जोशी के अनुसार, पटेल ने आवासीय परियोजनाओं में समानता और स्थिरता सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
प्रमुख योगदान
– कोयना बांध का निर्माण: महाराष्ट्र के सबसे बड़े बांधों में से एक कोयना बांध के निर्माण में उनकी भूमिका अहम रही।
– मुंबई विरासत संरक्षण समिति: इस समिति के सदस्य के रूप में उन्होंने बुनियादी ढांचे के विकास में विरासत संरक्षण को प्राथमिकता दी।
– CIDCO और HDFC से जुड़ाव: पटेल ने शहर और औद्योगिक विकास निगम (CIDCO) के मुख्य योजनाकार के रूप में काम किया। वे हाउसिंग डेवलपमेंट एंड फाइनेंस कॉर्पोरेशन (HDFC) के संस्थापक सदस्य भी थे।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
1932 में कराची में जन्मे शिरीष पटेल का बचपन वहीं बीता। उनके पिता भाईलाल पटेल कराची के पहले भारतीय नगर आयुक्त थे। विभाजन के बाद उनका परिवार मुंबई आ गया। पटेल ने अपनी शिक्षा कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पूरी की और शहरी विकास के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई।
विवादों में स्थिर रुख
शिरीष पटेल ने बृहन्मुंबई नगर निगम द्वारा मालाबार हिल जलाशय को ध्वस्त करने की योजना का जोरदार विरोध किया। उनकी दृढ़ता और जनता के समर्थन ने इस योजना को रद्द करने पर मजबूर कर दिया।
एक विरासत, जो अमर है
शिरीष पटेल का जीवन और कार्य हमें प्रेरित करता है कि शहरी विकास केवल बुनियादी ढांचे का निर्माण नहीं है, बल्कि यह समाज, पर्यावरण और संस्कृति के संतुलन की दिशा में एक कदम है। उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मार्गदर्शक रहेगा।