बगहा:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी 15वीं प्रगति यात्रा की शुरुआत पश्चिमी चंपारण जिले के आदिवासी बहुल क्षेत्र बगहा के घोठवा टोला से की। यह इलाका इंडो-नेपाल सीमा के पास और वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के नजदीक स्थित है। इस दौरान उन्होंने कई विकास योजनाओं का निरीक्षण किया और करोड़ों रुपये की नई योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री की यह यात्रा खास रही क्योंकि उनकी सभी पिछली यात्राओं का शुभारंभ भी पश्चिमी चंपारण से ही हुआ है। इस बार उन्होंने थरुहट क्षेत्र के घोठवा टोला में कदम रखा, जहां उनका जोरदार स्वागत हुआ। इस यात्रा में मंत्री विजय चौधरी भी उनके साथ मौजूद थे।
विकास योजनाओं का शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने दोन क्षेत्र के लिए 139.4 करोड़ रुपये की विद्युत ग्रिड योजना का शिलान्यास किया, जिससे नेपाल के तराई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति में सुधार की उम्मीद है। इसके अलावा, उन्होंने कई अन्य योजनाओं का लोकार्पण किया, जो क्षेत्र के विकास को गति देंगे।
स्थानीय समुदाय से जुड़ाव
घोठवा टोला पहुंचने पर आदिवासी महिलाओं ने फूलों की वर्षा कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। उन्होंने जीविका दीदी समूह और हस्तकरघा स्टॉल का निरीक्षण किया और उनके कार्यों की प्रशंसा की। आंगनबाड़ी केंद्र में गर्भवती महिलाओं की गोद भराई रस्म में भी उन्होंने शिरकत की। इसके बाद, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और थरूहट पार्क का दौरा कर पौधारोपण किया। इस दौरान उन्होंने जल-जीवन-हरियाली मिशन का संदेश दिया।
वाल्मीकिनगर को मिलेगी नई पहचान
वाल्मीकिनगर के जेडीयू सांसद सुनील कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री की इस यात्रा से क्षेत्र को करोड़ों रुपये का विकास लाभ मिलेगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वाल्मीकिनगर को जल्द ही एक नया राजस्व जिला बनाया जाएगा, जिसका स्थानीय लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
विकास यात्रा का इतिहास
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पहली न्याय यात्रा 12 जुलाई 2005 को शुरू की थी। इसके बाद उन्होंने विकास यात्रा (2009), धन्यवाद यात्रा (2009), प्रवास यात्रा (2009), विश्वास यात्रा (2010), सेवा यात्रा (2011), और अधिकार यात्रा (2012) जैसी यात्राओं के माध्यम से राज्य के विकास को गति दी। अब उनकी प्रगति यात्रा का मकसद विकास कार्यों की समीक्षा और नई योजनाओं को लागू करना है।
मुख्यमंत्री की इस यात्रा ने घोठवा टोला और आसपास के क्षेत्रों में विकास के प्रति नई उम्मीदें जगाई हैं।