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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में जुटा चुनाव आयोग, दो दिवसीय समीक्षा बैठक में तय हुई रणनीति

बिहार में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने से पहले ही तैयारी का दौर तेज़ हो गया है। चुनाव आयोग ने राज्य में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए अपनी मशीनरी को पूरी तरह सक्रिय कर दिया है। पटना में दो दिवसीय समीक्षा बैठक चल रही है, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त, राज्य निर्वाचन अधिकारी, सभी जिलों के डीएम और एसपी शामिल हुए। इस बैठक में मतदाता सूची, सुरक्षा व्यवस्था और तकनीकी तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की गई।

बैठक के पहले दिन आयोग ने मतदाता सूची के अद्यतन कार्य की समीक्षा की। अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि कोई भी पात्र मतदाता सूची से छूटे नहीं और त्रुटियों को तुरंत सुधारा जाए। दिव्यांग और वृद्ध मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्था करने पर भी जोर दिया गया। आयोग ने कहा कि प्रत्येक बूथ पर मूलभूत सुविधाएँ जैसे पीने का पानी, रैंप और शौचालय उपलब्ध कराए जाएं ताकि मतदान प्रक्रिया सभी के लिए सुगम हो।

तकनीकी दृष्टि से भी इस बार चुनाव आयोग कई बदलाव लागू कर रहा है। हर जिले में नियंत्रण कक्ष (Control Room) स्थापित किया जाएगा जो मतदान प्रक्रिया की लाइव मॉनिटरिंग करेगा। इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और वीवीपैट की जांच प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

बैठक के दूसरे दिन कानून-व्यवस्था की समीक्षा की गई। आयोग ने राज्य पुलिस और प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संवेदनशील इलाकों की पहचान कर ली गई है और वहां अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की तैयारी चल रही है। अवैध शराब, नकद वितरण और बाहरी प्रभावों पर सख्त निगरानी रखने का आदेश दिया गया है।

महिला और युवा मतदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए इस बार चुनाव आयोग कई नई पहल करने जा रहा है। महिलाओं के लिए विशेष “पिंक बूथ” बनाए जाएंगे, जबकि युवाओं को मतदाता जागरूकता अभियान से जोड़ा जाएगा। सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का भी उपयोग किया जाएगा ताकि पहली बार वोट डालने वाले मतदाता मतदान के महत्व को समझ सकें।

चुनाव आयोग की बैठक के बाद यह संकेत मिला है कि बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखें नवंबर के पहले सप्ताह में घोषित की जा सकती हैं। राजनीतिक दलों ने भी अपनी तैयारियाँ तेज़ कर दी हैं। सत्ताधारी गठबंधन और विपक्ष दोनों ही जनसभाओं और रैलियों के ज़रिए मतदाताओं तक पहुँचने की कोशिश में जुटे हैं।

आयोग ने साफ कहा है कि इस बार पारदर्शिता और निष्पक्षता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। आधुनिक तकनीक, सशक्त प्रशासनिक निगरानी और जनता की भागीदारी के साथ बिहार में एक ऐसा चुनाव कराने का लक्ष्य है जो लोकतंत्र की सच्ची मिसाल साबित हो।

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