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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की ब्रह्मोस मिसाइल की सफलता की सराहना, कहा – “आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है यह उपलब्धि”

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की ब्रह्मोस मिसाइल की सफलता की सराहना, कहा – “आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है यह उपलब्धि

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को भारतीय रक्षा तकनीक की नई उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल की “पिनप्वाइंट एक्यूरेसी” यानी सटीक निशानेबाजी क्षमता भारत की रक्षा शक्ति को नई ऊँचाइयों पर ले जा रही है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि “आत्मनिर्भर भारत” अभियान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रक्षा मंत्री ने बताया कि हाल ही में किए गए सफल परीक्षण ने यह साबित कर दिया है कि भारत अब विश्वस्तरीय मिसाइल प्रौद्योगिकी में किसी भी देश से पीछे नहीं है। राजनाथ सिंह ने कहा, “ब्रह्मोस सिर्फ एक मिसाइल नहीं, बल्कि भारतीय वैज्ञानिकों की मेहनत, कौशल और स्वदेशी नवाचार का जीता-जागता उदाहरण है।”

रक्षा मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण भारतीय सेना की रणनीतिक क्षमता को और अधिक मजबूत करेगा। इस मिसाइल की रेंज अब 400 किलोमीटर से अधिक हो चुकी है और इसे भूमि, जल और वायु — तीनों प्लेटफॉर्म से दागा जा सकता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत अब सिर्फ रक्षा उपकरणों का उपभोक्ता नहीं, बल्कि निर्माता बन चुका है। उन्होंने बताया कि “मेक इन इंडिया” पहल के तहत ब्रह्मोस एयरोस्पेस कंपनी लगातार नए मॉडल और उन्नत तकनीक पर काम कर रही है, जिससे भारत न केवल आत्मनिर्भर बन रहा है बल्कि रक्षा निर्यात में भी तेजी से उभर रहा है। उन्होंने भारतीय नौसेना और वायुसेना को बधाई देते हुए कहा कि उनकी पेशेवर दक्षता और अनुशासन ने इस प्रोजेक्ट को सफलता तक पहुँचाया है।

राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में युवाओं और रक्षा उद्योग से जुड़े वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे नवाचार और अनुसंधान को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत का लक्ष्य केवल आत्मनिर्भरता नहीं, बल्कि वैश्विक रक्षा निर्यात का केंद्र बनना है। रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने रक्षा क्षेत्र में जिस गति से प्रगति की है, वह अभूतपूर्व है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि ब्रह्मोस जैसे प्रोजेक्ट भारत की तकनीकी क्षमताओं का ही नहीं, बल्कि उसकी रणनीतिक सोच का भी परिचायक हैं। इस परीक्षण के सफल होने के बाद रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि भारत अब उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है, जिनके पास इतनी उच्च क्षमता वाली सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल तकनीक मौजूद है। यह न केवल भारत की सीमाओं की सुरक्षा को सुदृढ़ करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर देश की प्रतिष्ठा को भी और मजबूत बनाएगा।

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