नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (एजेंसी): भारत और रूस के बीच शिक्षा और सांस्कृतिक सहयोग को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। रूस की प्रतिष्ठित कलमीक स्टेट यूनिवर्सिटी और भारत के ऐतिहासिक नालंदा विश्वविद्यालय ने सोमवार को एक सहयोग ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता दोनों देशों के बीच शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक साझेदारी को नई दिशा देगा।
भारतीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह समझौता बी. बी. गोरोदोविकोव के नाम पर स्थापित कलमीक स्टेट यूनिवर्सिटी, एलिस्टा (रूस) और नालंदा विश्वविद्यालय, बिहार (भारत) के बीच हुआ है। इस साझेदारी के तहत छात्र और शिक्षकों के बीच शैक्षणिक आदान-प्रदान, संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं, और संस्कृति-आधारित कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाएगा।
शिक्षा और अनुसंधान में नए अवसर
यह सहयोग ज्ञापन दोनों विश्वविद्यालयों को एक संस्थागत ढांचा प्रदान करेगा, जिसके माध्यम से दोनों संस्थान उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और ज्ञान-विनिमय पर काम करेंगे। इसमें विशेष रूप से इतिहास, संस्कृति, दर्शनशास्त्र, पर्यावरण अध्ययन, और अंतरराष्ट्रीय संबंधों से जुड़े विषयों को प्राथमिकता दी जाएगी।
नालंदा विश्वविद्यालय के अधिकारियों के अनुसार, यह समझौता छात्रों को वैश्विक मंच पर शैक्षणिक शोध और अनुभव हासिल करने के अवसर प्रदान करेगा। वहीं, रूसी विश्वविद्यालय के छात्र भी भारतीय संस्कृति और इतिहास को करीब से समझ पाएंगे।
भारत-रूस संबंधों को नई मजबूती
संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि यह साझेदारी भारत और रूस के बीच पारंपरिक मित्रता और आपसी सहयोग को और मजबूत करेगी। दोनों देशों के बीच शिक्षा के क्षेत्र में यह एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि आने वाले समय में दोनों विश्वविद्यालयों के बीच संयुक्त सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सचेंज प्रोग्राम आयोजित किए जाएंगे, जिससे दोनों देशों के छात्र और शिक्षाविद एक-दूसरे की भाषा, संस्कृति और शिक्षण पद्धतियों से परिचित हो सकेंगे।
नालंदा विश्वविद्यालय की गौरवशाली विरासत
प्राचीन भारत का गौरव रहा नालंदा विश्वविद्यालय एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय शिक्षा का केंद्र बनता जा रहा है। इसका उद्देश्य एशिया सहित विश्वभर के देशों के साथ शैक्षणिक सहयोग को प्रोत्साहित करना है। यह समझौता नालंदा विश्वविद्यालय की इसी दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।