बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं, राजनीतिक दलों के बीच वादों और घोषणाओं की बौछार शुरू हो गई है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मंगलवार को एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अगर राज्य में आरजेडी की सरकार बनती है तो जीविका दीदी और संविदा कर्मियों को स्थायी किया जाएगा।
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में लाखों महिलाएं जीविका समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रही हैं, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें स्थायी दर्जा नहीं दिया गया है। उन्होंने वादा किया कि आरजेडी की सरकार इन महिलाओं को न केवल स्थायी दर्जा देगी, बल्कि उनके काम और मेहनत के अनुसार सम्मानजनक वेतन भी सुनिश्चित करेगी।
इसी के साथ तेजस्वी यादव ने राज्य के सभी संविदा कर्मियों — चाहे वह स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग या अन्य सरकारी सेवाओं में काम कर रहे हों — को स्थायी करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि संविदा पर काम कर रहे लाखों कर्मचारी वर्षों से स्थायित्व और उचित वेतन की मांग कर रहे हैं। “हमारी सरकार बनते ही यह अन्याय खत्म होगा। संविदा कर्मियों को उनकी सेवाओं के अनुसार स्थायी दर्जा दिया जाएगा,” तेजस्वी ने कहा।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने रोजगार और स्थायी नियुक्तियों के मुद्दे पर केवल वादे किए, लेकिन उन्हें कभी पूरा नहीं किया। “हमारा मकसद सिर्फ चुनाव जीतना नहीं, बल्कि बिहार के लोगों को सम्मानजनक जीवन देना है,” उन्होंने जोड़ा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेजस्वी यादव का यह ऐलान बिहार के महिला मतदाताओं और युवा वर्ग को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है। जीविका समूहों से जुड़ी महिलाएं और संविदा कर्मचारी राज्य की बड़ी जनसंख्या का हिस्सा हैं, और उनके समर्थन से चुनावी समीकरणों पर बड़ा असर पड़ सकता है।
तेजस्वी की यह घोषणा बिहार में रोजगार और स्थायित्व की बहस को एक बार फिर से केंद्र में ला रही है। अब देखना यह होगा कि अन्य दल इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या वाकई आरजेडी इस वादे को हकीकत में बदल पाएगी।