बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में परिहार सीट पर सियासी घमासान चरम पर है। राजद की बागी और अब निर्दलीय प्रत्याशी रितु जायसवाल ने पहले बीजेपी उम्मीदवार के नामांकन को रद्द करने की मांग उठाई थी, और अब उन्होंने राजद प्रत्याशी स्मिता गुप्ता के नामांकन को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
रितु जायसवाल ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया है कि राजद प्रत्याशी के एफिडेविट में उम्र को लेकर गंभीर विसंगति है। उन्होंने लिखा कि “RJD उम्मीदवार ने अपने नामांकन पत्र के साथ लगाए चारों एफिडेविट में उम्र 49 वर्ष बताई है, जबकि मतदाता सूची के अनुसार उनकी उम्र 43 वर्ष है। यह स्पष्ट रूप से झूठा एफिडेविट है, जिसका नामांकन निरस्त होना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि अगर ऐसे प्रत्याशी जीत भी गए तो अदालत में मामला चलने के बाद उन्हें सीट गंवानी पड़ेगी। रितु जायसवाल ने तेजस्वी यादव से अपील करते हुए कहा कि राजद प्रत्याशी को नाम वापस लेने के लिए कहा जाए और उन्हें महागठबंधन समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार घोषित किया जाए।
रितु ने आगे लिखा — “परिहार के विकास के लिए यह आवश्यक है कि यहां वर्तमान विधायक की हार सुनिश्चित की जाए। RJD उम्मीदवार की जीत की संभावना नगण्य है, उनकी मौजूदगी केवल वोटों के बिखराव का कारण बनेगी। आज नाम वापसी का अंतिम दिन है, और यह फैसला परिहार की जनता के हित में होगा।”
इससे पहले, रितु जायसवाल ने बीजेपी प्रत्याशी और वर्तमान विधायक गायत्री देवी के नामांकन पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि गायत्री देवी के एफिडेविट के पार्ट A और पार्ट B में संपत्ति की वैल्यू में भारी अंतर है। एक जगह उन्होंने अपनी संपत्ति की कीमत 83 लाख रुपए, जबकि दूसरी जगह 59 लाख रुपए बताई है। रितु जायसवाल के अनुसार, “यह जानकारी विरोधाभासी है, इसलिए उनका नामांकन भी रद्द होना चाहिए था।”
परिहार सीट से रितु जायसवाल पहले राजद के टिकट की दावेदार थीं, लेकिन पार्टी ने स्मिता गुप्ता को उम्मीदवार बना दिया। इसके बाद उन्होंने बगावत करते हुए निर्दलीय मैदान में उतरने का फैसला किया। अब वह दोनों प्रमुख दलों — बीजेपी और आरजेडी — के प्रत्याशियों पर कानूनी और नैतिक सवाल उठाते हुए चुनावी माहौल में नई हलचल पैदा कर चुकी हैं।