ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जैसे ही अपने इस्तीफे के एलान सोशल मीडिया पर वैसे ही लोगों ने उन्हें आईना दिखाना भी शुरू कर दिया।लोगों तरह तरह की टीका टिप्पणी की।
नई दिल्ली:मध्यप्रदेश कांग्रेस के नेता और दिवंगत माधव राव सिंधिया के सुपुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है।इस्तीफे की कई वजहें हैं।राज़ क्या है किसी को पता नहीं।सिंधिया ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने ट्विटर पर इस्तीफे का ऐलान किया।इस्तीफा देने से पहले सिंधिया ने गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में पीएम नरेंद्र मोदी से प्रधानमंत्री आवास पर मुलाकात की।कांग्रेस छोड़ने के साथ ही सिंधिया ने अपना आगे का रास्ता तय कर लिया है।सिंधिया संभवतः बीजेपी में शामिल हो रहे हैं।ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर उनकी बुआ और भारतीय जनता पार्टी की नेता यशोधरा सिंधिया ने खुशी जाहिर की है। ज्योतिरादित्य के बीजेपी में शामिल होने की अटकलों के बीच उन्होंने कहा कि यह उनकी ‘घर वापसी’ है। मैं काफी खुश हूं और उन्हें बधाई देती हूं।यशोधरा सिंधिया ने कहा कि ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया ने जन संघ में रहते हुए अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस में उनकी उपेक्षा हो रही थी।ज्योतिरादित्य का यह फैसला ऐसे वक्त में आया है, जब पूरा देश होली मना रहा है और साथ ही उनके स्वर्गवासी पिता व पूर्व नेता माधवराव सिंधिया की जयंती है. पिता की जयंती के मौके पर ज्योतिरादित्य ने जो फैसला लिया है, वो ठीक उन्हीं के नक्शेकदम को जाहिर कर रहा है. साल 1993 में जब माधवराव सिंधिया ने खुद को उपेक्षित महसूस किया तो कांग्रेस छोड़कर अलग पार्टी ही बना ली थी।ज्योतिरादित्य ने जैसे ही अपने इस्तीफे के एलान सोशल मीडिया पर वैसे ही लोगों ने उन्हें आईना दिखाना भी शुरू कर दिया।लोगों तरह तरह की टीका टिप्पणी की।एक यूजर ने इस फैसले के साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया परिवार के चाल, चरित्र और चेहरे पर ही सवाल उठा दिया।Adv Vandana Bain नामक फेसबुक यूजर ने लिखा कि जैसा बाप वैसा बेटा।। लहू पुकारता है।। बाप ने भी कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपा था आज बेटे ने भी वही दोहराया है।। सांप अपनी फितरत नहीं बदलता है।दूसरे यूजर Prem Manju Pareu ने लिखा कि बहुत बहुत बधाई ज्योतिराजय सिंधिया जी ।आज भुआ भतीजे दोनों की एक ही पार्टी बीजेपी ।Shammi Prakash ने लिखा कि बहुत गलत निर्णय! आज के दिन स्वर्गीय माधव राज सिंधिया जी की आत्मा को अत्यधिक ठेस पहुंची होगी ।आपका आत्मघाती कदम है।प्रदीप सोनी ने जब एक ग्राफिक शेयर करते हुए जब लिखा कि बधाई हो ,मूल वापस मूल में लौटा तो इस पर प्रतिक्रिया देते हुए Abhishek Singh Kushwah नामक यूजर ने बड़े सख़्त शब्दों में सिंधिया परिवार की देशभक्ति पर ही सवाल उठाते हुए लिखा कि जिसने रानी लक्ष्मी बाई की पीठ में छुरा घोंप दिया जिस खानदान ने उनसे बोला क्या आशा की जा सकती है।Jayant Jain ने लिखा कि आपने वहुत ही गलत किया है आपने अपनी कुछ एक थोडी सी महात्वाकाँक्षा के लिए खानदानी परम्परा को वरकरार रखा।हालांकि सिंधिया के फैसले की उनके ज़्यादातर समर्थकों ने स्वागत किया है।
जब पिता माधवराव हो गए थे कांग्रेस से अलग 1993 में जब मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार थी तब माधवराव सिंधिया ने पार्टी में उपेक्षित होकर कांग्रेस को अलविदा कह दिया था और अपनी अलग पार्टी मध्य प्रदेश विकास कांग्रेस बनाई थी. हालांकि बाद में वे कांग्रेस में वापस लौट गए थे.वहीं 1967 में जब मध्य प्रदेश में डीपी मिश्रा की सरकार थी तब कांग्रेस में उपेक्षित होकर राजमाता विजयराजे सिंधिया कांग्रेस छोड़कर जनसंघ से जुड़ गई थीं और जनसंघ के टिकट पर गुना लोकसभा सीट से चुनाव भी जीती थीं. मौजूदा सियासी हलचल के बीच आज एक बार फिर से इतिहास ने खुद को दोहरा दिया. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अपने पिता और दादी की तरह कांग्रेस से अलग होने का ऐलान कर दिया।