पटना:कांग्रेस पार्टी खुद को बिहार में अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए 1 जून 2022 और 2 जून 2022 को राजगीर में पार्टी की कायाकल्प बदलने और बिहार में पार्टी को मजबूत करने के लिए नव संकल्प शिविर लगा रही है। यह शिविर ऐसे समय में लग रहा है जब बिहार में कांग्रेस राजनीतिक रूप से हाशिये पर है और महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल के सहारे अपनी राजनीति आगे बढ़ा रही है। राजगीर के नव संकल्प शिविर से क्या कुछ निकल कर सामने आता है यह तो देखने वाली बात होगी लेकिन शिविर के शुरू होते ही उसके मैनेजमेंट पर सवाल उठने लगे हैं।
दरअसल बिहार में कांग्रेस के नव संकल्प शिविर की वक्ता की लिस्ट से कांग्रेस के बिहार के इकलौते सांसद डॉ0 मोहम्मद जावेद का नाम ही गायब है।बिहार कांग्रेस के सिपहसालारों ने 3 बार के विधायक और मोदी लहर में भी 2019 में बिहार की किशनगंज सीट से जीत कर कांग्रेस की लाज रखने वाले डॉक्टर मोहम्मद जावेद को ही दर्शक दीर्घा की लाइन में लगा दिया।

किशनगंज के सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का नाम शिविर में वक्ताओं की लिस्ट में शामिल न करने से बिहार कांग्रेस के कई नेताओं में नाराजगी पाई जाने लगी है। नेताओं ने अपने अपने अंदाज से इसका विरोध भी शुरू कर दिया है साथ ही साथ अब बिहार कांग्रेस के नए अध्यक्ष के लिए उनका नाम भी पेश करने लगे हैं। दूसरी तरफ कांग्रेसियों की एक बड़ी तादाद किशनगंज के सांसद के साथ हुए इस तरह के व्यवहार को सोची समझी साजिश मान रहे हैं। ऐसे में अब देखने वाली बात होगी के बिहार कांग्रेस को मजबूत करने के लिए राजगीर में लगाए गए इस नव चिंतन शिविर के क्या नतीजे निकलते हैं और किशनगंज सांसद डॉक्टर मोहम्मद जावेद के साथ हुए इस तरह के सलूक पर बिहार प्रदेश कांग्रेस के साथ साथ दिल्ली में बैठा आलाकमान क्या फैसले लेता है लेकिन एक बात तो तय है कि बिहार कांग्रेस में इस बात को लेकर बहुत नाराजगी सामने आने लगी है जिसका आने वाले दिनों में असर दिखाई दे सकता है।