Nationalist Bharat
ब्रेकिंग न्यूज़

जदयू के अधिकांश सांसद राजनीतिक रूप से नपुंसक,आरसीपी सिंह की क़रीबी नेत्री डॉक्टर रिंकू कुमारी

ये वही डॉक्टर रिंकू कुमारी हैं जिन्हें आरसीपी सिंह ने केंद्र में मंत्री बनते ही केंद्रीय इस्पात मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति का सदस्य बना दिया।अब इन्ही रिंकी कुमारी ने जदयू के सांसदों को ही राजनीतिक रूप से नपुंसक क़रार दिया है।

 

Advertisement

पटना:हालिया दिनों में राज्यसभा के टिकट को लेकर जदयू में मचे घमासान और फिर आरसीपी सिंह का टिकट कटने से नाराज नेताओं का भड़ास निकालना जारी है।आरसीपी सिंह को राज्यसभा न भेजने का फैसला नीतीश कुमार ने लिया तो उसके अगले ही दिन केंद्रीय मंत्री और जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने साफ किया किया कि हमारे नेता नीतीश हैं,उनका हर फैसला क़ुबूल है।ऐसे में ये माना जा रहा था कि इस विवाद पर विराम लग जायेगा लेकिन आरसीपी सिंह की अत्यंत क़रीबी और दिल्ली यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर डॉक्टर रिंकू कुमारी ने फिर से मोर्चा खोल दिया है जो आरसीपी सिंह की पुश्तपनाही के बेगैर नहीं हो सकता।ये वही डॉक्टर रिंकू कुमारी हैं जिन्हें आरसीपी सिंह ने केंद्र में मंत्री बनते ही केंद्रीय इस्पात मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति का सदस्य बना दिया।अब इन्ही रिंकी कुमारी ने जदयू के सांसदों को हीराजनीतिक रूप से नपुंसक क़रार दिया है।डॉक्टर रिंकू कुमारी ने अपने फेसबुक पोस्ट में निहायत घटिया शब्दों का प्रयोग करते हुए जदयू के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पर करारा हमला बोला है।डॉक्टर रिंकू कुमारी ने लिखा कि:जदयू में ‘ एक नेता , एक पद ‘ का नियम है लेकिन वर्त्तमान अध्यक्ष ललन सिंह असंवैधानिक तरीके से अध्यक्ष पद के साथ साथ जदयू संसदीय दल के नेता के पद पर भी काबिज हैं l लगता है कि जदयू के अधिकांश सांसद राजनीतिक रूप से नपुंसक हैं , जो सवाल उठाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं l ऐसे सांसदों से क्या उम्मीद करना ! आरसीपी सिंह,CMO बिहार,नीतीश कुमार और ललन सिंह को टैग किये गए अपने पोस्ट में रिंकू के उठाये सवाल और प्रयोग की गई भाषा से जदयू के साथ बिहार की सियासत में भी घमासान मचना तय है।क्योंकि इस पोस्ट से आरसीपी सिंह बनाम ललन सिंह के बीच तलवार खींचना लाज़मी है।ऐसा इसलिए क्योंकि डॉक्टर रिंकू कुमारी और आरसीपी सिंह के संबंध किसी से छिपे नहीं हैं।ऐसे में डॉक्टर रिंकू कुमारी के इस पोस्ट और सवाल को आरसीपी सिंह की पुश्तपनाही ही माना जायेगा जिसे ललन सिंह किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।

डॉक्टर रिंकू कुमारी के फेसबुक पोस्ट का स्क्रीन शॉट

वहीं दूसरी और डॉक्टर रिंकू कुमारी के पक्ष और विपक्ष में भी लोग खड़े नजर आरहे हैं।डॉक्टर रिंकू कुमारी का समर्थन करते हुए RK प्रियदर्शी नामक यूजर ने लिखा कि नियम सभी के लिए बराबर होनी चाहिए ..चाहे सामान्य कार्यकर्त्ता हो या राष्ट्रीय अध्यक्ष ..ललन सिंह को या तो एक पद पर रहें या सभी पदों से इस्तीफा दे..ऐसे भी ललन सिंह ने 33 प्रकोष्ठों से 13 प्रकोष्ठ पर पार्टी को लाकर छोड़ दिया है , पता नहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष बनकर ये पार्टी को डूबने पर क्यों तुला है ..
राघवेंद्र कुमार नामक यूजर ने डॉ. रिंकू कुमारी का विरोध करते हुए लिखा कि जो भी हो इस महिला नेत्री की बफादारी का दाद देना होगा, इनकी बफादारी पार्टी केलिए नही है बल्कि …. किसी खास केलिए है इनको शर्म से डूब मरना चाहिए जो अपने को जेडीयू की नेत्री कहती है मुख्यमंत्री को क्रूर और पार्टी सांसद को नपुंसक कहती है और आवाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ उठाती हैं अपना पोस्ट को गौर से पढ़िए आप आपके सपोर्ट में नहीं आपके विरोध में जायदा टिप्पणी आरही है।

Advertisement

Related posts

एचडीएफसी ट्विन्स की 40 अरब डॉलर की मर्जर डील को मिली आरबीआई की मंजूरी

Nationalist Bharat Bureau

जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य बना दिया जाएगा, 31 अगस्त को विस्तृत बयान देगी केंद्र सरकार

Nationalist Bharat Bureau

बोचहां:राजद की जीत में भूमिहार की भूमिका गढ़ने की तैयारी

Nationalist Bharat Bureau

Leave a Comment