पटना(प्रेस विज्ञप्ति)बिहार प्रदेश जनता दल यूनाइटेड के महासचिव और बिहार स्टेट शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन इरशाद अली आजाद ने आज के महागठबंधन के राज्यव्यापी धरना-प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने और केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार की नाकामियों,जनविरोधी, संविधान विरोधी और कारपोरेट समर्थक नीतियों का पुरजोर विरोध करने की अपील की है।
इरशाद अली आजाद ने केंद्र की मोदी सरकार के 9 साल को जनता की तबाही- बर्बादी, लूट-दमन , अन्याय और नफरत का भयावह दौर करार देते हुए कहा कि महंगाई की मार से जनता त्रस्त है। यह पहली ऐसी सरकार है जो खाद्य पदार्थों से लेकर पाठ्य पुस्तकों व सामग्रियां पर भी टैक्स (जीएसटी) लगा रही है। रसोई गैस की कीमत 1300 रु प्रति सिलेण्डर पार कर गई है।लोगों पर महंगाई की मार पड़ रही है।
जनता दल यू के प्रदेश महासचिव में कहा कि उज्जवला योजना के नाम पर गरीबों को केवल मूर्ख बनाया गया। प्रत्येक साल दो करोड़ रोजगार का वादा भी पूरी तरह झूठ साबित हुआ। केंद्र सरकार के कार्यालयों में लाखों पद खाली पड़े हैं, लेकिन सरकार उनपर कोई बहाली नहीं कर रही है। विगत 75 वर्षों में बेरोजगारी की ऐसी भयावह स्थिति कभी सामने नहीं आई थी।
इरशाद अली आजाद ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, मनरेगा सहित अन्य ग्रामीण विकास और कल्याणकारी योजनाओं के मद में लगातार कटौती कर रही है। वैश्विक भूख सूचकांक की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार 121 देशों की सूची में भारत 107 वें स्थान पर पहुंच गया है। देश में चौतरफा भूखमरी का विस्तार हो रहा है।
बिहार स्टेट शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी की मार से छोटे-मझोले व्यवसायी अभी तक उबर भी नहीं पाए थे कि इधर 2000 रु. का नोट बंद कर कालाधन पर हमले का एक बार फिर भ्रम पैदा किया जा रहा है। भाजपा शासन में कॉरपोरेट लूट व उनको हासिल सरकारी संरक्षण अपने चरम पर है जबकि विपक्ष के नेताओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। उनके पीछे ईडी और सीबीआई लगा दिया जा रहा है। देश के संघीय ढांचे और लोकतंत्र को केंद्रीय एजेंसियों के जरिए नेस्तनाबूद करने के हर प्रयास हो रहे हैं।
जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश महासचिव इरशाद अली आजाद ने अपील की कि राज्य के सभी प्रखंडों में 15 जून 2023 को महागठबंधन के बैनर तले किए जाने वाले धरना-प्रदर्शन को कामयाब बनाएं ताकि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार को स्पष्ट संदेश दिया जा सके कि यह देश संविधान अनुरूप चलेगा ना कि सांप्रदायिकता के एजेंडे के सहारे। यह देश गरीबों,शोषितों, वंचितों और हाशिए पर गए लोगों के साथ सामाजिक,आर्थिक और सभी प्रकार के न्याय के साथ चलेगा ना कि सिर्फ और सिर्फ कारपोरेट के चंद एक लोगों के विकास के सहारे।