Uniform Civil Code: भारत के 22वें विधि आयोग ने देश में समान नागरिक संहिता(UNIFORM CIVIL CODE) लागू करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए एक बार फिर से कोशिश तेज कर दी गई है।इसे लोकसभा चुनाव 2024 से भी जोड़ कर देखा जा रहा है।समान नागरिक संहिता के बारे में बड़े पैमाने पर जनता और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों के विचारों को जानने का फिर से फैसला किया है। जो लोग इच्छुक हैं वे नोटिस की तारीख से 30 दिनों की अवधि के भीतर अपने विचार आयोग को भेज सकते हैं।इससे पहले पिछले विधि आयोग ने 2016 में इस मुद्दे पर गहन विचार विमर्श प्रक्रिया शुरू की थी. 21वें विधि आयोग ने 2018 मार्च में जनता के साथ विमर्श के बाद अपनी रिपोर्ट में कहा था कि फिलहाल समान नागरिक संहिता यानी कॉमन सिविल कोड की जरूरत देश को नहीं है।
खबरों के अनुसार विधि आयोग ने बुधवार को समान नागरिक संहिता के मसले पर नए सिरे से परामर्श मांगने की प्रक्रिया शुरू की है। आयोग ने सार्वजनिक व धार्मिक संगठनों से इस मुद्दे पर राय मांगी है। केंद्र ने एक बयान में कहा, ”शुरू में भारत के 21वें विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता पर विषय की पड़ताल की थी और 07.10.2016 की प्रश्नावली और उसके बाद 19.03.2018, 27.03.2018 और 10.4.2018 की सार्वजनिक अपील/नोटिस के साथ अपनी अपील के माध्यम से सभी हितधारकों के विचार मांगे थे।
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार बयान में कहा गया है, ”पूर्व की कवायदों के तहत आयोग को भारी प्रतिक्रियाएं मिली हैं। 21वें विधि आयोग ने 31.08.2018 को “परिवार कानून के सुधार” पर परामर्श पत्र जारी किया है। चूंकि उक्त परामर्श पत्र जारी करने की तारीख से तीन साल से अधिक समय बीत चुका है, इस विषय की प्रासंगिकता और महत्व और इस विषय पर विभिन्न अदालती आदेशों को ध्यान में रखते हुए, भारत के 22 वें विधि आयोग ने इस विषय पर नए सिरे से विचार-विमर्श करना उचित समझा है। आयोग ने लोगों को अगले 30 दिनों में समान नागरिक संहिता पर अपने सुझाव भेजने के लिए नोटिस जारी किया है।”