LOKSABHA ELECTION 2024:आगामी 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में विपक्ष के दलों के गणमान्य नेताओं की बैठक होने जा रही है।कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी,मौजूदा अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे समेत कई विपक्षी दलों के अध्यक्ष,मुख्य मंत्री और नेता शामिल हो रहे हैं।जाहिर है पूरे देश की निगाहें इस पर हैं।बैठक का नतीजा क्या निकलता है ये आने वाला वक्त बताएगा लेकिन जिस प्रकार से राजनीतिक स्टेज तैयार किया गया है वो यकीनन सत्ताधारी भाजपा के लिए चिंता की लकीर जरूर है।
LOKSABHA ELECTION 2024:नीतीश कुमार का प्लेटफार्म तैयार
नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता का प्लेटफार्म तो तैयार कर दिया, लेकिन 23 जून को पटना में आयोजित महाबैठक में उभरने वाले कठिन सवालों का हल पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को ही निकालना होगा। राहुल के राजनीतिक कौशल पर ही विपक्षी एकता की ट्रेन रफ्तार पकड़ पाएगी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले दिनों दो टूक अंदाज में कहा है कि अगर कांग्रेस पश्चिम बंगाल में माकपा के साथ गठबंधन करती है तो वह कांग्रेस की मदद नहीं करेंगी। यह सवाल तब उभरा जब त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और माकपा ने एक साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ा। पांच दशक से भी अधिक समय से त्रिपुरा में कांग्रेस और माकपा एक-दूसरे के खिलाफ लड़ते रहे। पिछले चुनाव में दोनों पार्टियों के गठजोड़ ने ममता को असहज कर दिया है। उनका कहना है कि अगर पश्चिम बंगाल में भी कांग्रेस का स्टैंड त्रिपुरा की तरह रहा तो उन्हें परेशानी होगी। राहुल गांधी को 23 जून की बैठक में इस महत्वपूर्ण मसले पर अपनी राय रखनी होगी। हालांकि यह कहा जा रहा कि विपक्षी एकजुटता का उद्देश्य भाजपा को रोकना है। अलग-अलग राज्यों की स्थिति को ध्यान में रखकर ही निर्णय लिए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश के मामले में भी राहुल गांधी को महाबैठक में पूरी तरह से स्थिति स्पष्ट करनी होगी। यूपी में पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सभी 80 सीटों पर अपने प्रत्याशी दिए थे। समाजवादी पार्टी ने बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। सपा ने 37 सीटों पर अपने प्रत्याशी दिए थे। सपा चाहेगी कि उसे अधिक से अधिक सीटें मिलें, जबकि फिलहाल कांग्रेस के केंद्र में सभी 80 सीटें हैं। ऐसी स्थिति में यूपी के मसले पर भी राहुल गांधी को अपनी राय स्पष्ट करनी होगी। इन्हीं निर्णयों पर विपक्षी एकता की मजबूती या कमजोरी निर्भर करेगी।
LOKSABHA ELECTION 2024:राहुल गांधी भी बैटिंग करने को तैयार
ऐसे में अगर राहुल गांधी के पिछले बयानों पर नजर दौड़ाएं तो पता चल जायेगा कि अब राहुल गांधी और कांग्रेस भी एग्रेसिव मोड में आगयी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए एकजुट विपक्ष की क्षमता पर भरोसा जताया है।अमेरिका के वाशिंगटन में नेशनल प्रेस क्लब में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी अगले आम चुनाव में बहुत अच्छा करेगी, नतीजे लोगों को चौंका देंगे।बस आप कैलकुलेट करें, एकजुट विपक्ष अपने दम पर बीजेपी को हरा देगा।राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में एक साल से भी कम समय बचा है और कांग्रेस अन्य विपक्षी दलों के साथ नियमित बातचीत कर रही है।पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “विपक्ष बहुत अच्छी तरह से एकजुट है. हम सभी विपक्षी दलों के साथ बातचीत कर रहे हैं. मुझे लगता है कि वहां काफी अच्छा काम हो रहा है।यह एक जटिल चर्चा है, क्योंकि ऐसे कई राज्य हैं, जहां हम उन दलों के साथ कंपिटीशन कर रहे हैं. लेकिन मुझे विश्वास है कि विपक्ष का महागठबंधन होगा।
यानि राहुल गांधी अब जो भी हो जाए विपक्ष की एकता को नेतृत्व न सही धार देने को पूर्णतः तैयार दिखाई देते हैं।ये कर्नाटक चुनाव में मिली अप्रत्याशित सफलता का भी नतीजा कहा जा सकता है या फिर सत्ता से 10 सालों की दूरी का मलाल भी।लेकिन एक बात तय है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बिछाई हुई बिसात पर कांग्रेस का अब तक का खेल सही दिशा में जाता हुआ दिखाई दे रहा है।