पटना:भारतीय जनता पार्टी नित एनडीए गठबंधन को परास्त करने के मक़सद से विपक्ष की ज़्यादातर पार्टियों को एक प्लेटफार्म पर लेकर प्रधान मंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को चुनौती देने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी गठबंन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) का संयोजक बनाए जाने संबंधी अटकलों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि उनकी कोई व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं है। वो सबको एकजुट करना चाहते हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि वो चाहेंगे कि किसी और को विपक्षी गठबंधन का संयोजक बनाया जाए। मेरी कोई व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं है, हम सबको एकजुट करना चाहते हैं।जब उनसे ये पूछा गया कि क्या मुंबई में विपक्षी गठबंधन की आगामी बैठक में उन्हें, विपक्षी गठबंधन I.N.I.D.A का संयोजक बनाया जा सकता है? जिसके जवाब में जनता दल (यू) के शीर्ष नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमको कुछ नहीं बनना है। हम ये बराबर कहते रहे हैं। संयोजक दूसरे लोगों को बनाया जाएगा। हमारी कोई इच्छा नहीं है। हम सबको एकजुट करना चाहते हैं। हम तो सबका हित चाहते हैं, इसलिए ये कभी मत सोचिए कि हम लोग कुछ चाहते हैं। हम सबको एकजुट कर रहे हैं।
बताते चलें कि भाजपा विरोधी विभिन्न दलों को एक साथ लाने में नीतीश कुमार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने रविवार को ये भी कहा था कि मुंबई में अगली बैठक के दौरान ‘कुछ और’ राजनीतिक दलों के विपक्षी गठबंधन में शामिल होने की संभावना है। हालांकि इन दलों के नाम का खुलासा नहीं किया था। नीतीश ने ये भी कहा था कि विपक्षी गठबंधन की मुंबई बैठक में सीट बंटवारे से संबंधित मुद्दों पर चर्चा किए जाने के साथ कई अन्य एजेंडे को भी अंतिम रूप दिया जाएगा।
31 और एक सितंबर को मुंबई में बैठकत
केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा का संयुक्त रूप से मुकाबला करने के लिए गठित 26 दलीय विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A की एक महीने से भी कम समय में दो बार बैठक हो चुकी है। इस गठबंधन की पहली बार बैठक 23 जून को पटना में और फिर उसके बाद 17 जुलाई को बेंगलुरु में बुलाई गई थी। तीसरी बैठक आगामी 31 अगस्त और एक सितंबर को मुंबई में आयोजित होगी।बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी की, 1977 में लोक नायक जयप्रकाश नारायण की संपूर्ण क्रांति के बाद सरकार बनने पर भारत को वास्तविक रूप से आजादी मिलने संबंधी कथित टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि हर कोई जानता है कि भारत को आजादी कब मिली थी। भारत की आजादी की तारीख न जानना गैरकानूनी है। लेकिन फिर भी… छोड़िए… भाजपा नेता क्या कहते हैं, मैं उस पर ध्यान नहीं देता। सम्राट चौधरी ने रविवार को यहां एक समारोह में कहा था कि मुझे नहीं लगता कि भारत 1947 में एक स्वतंत्र देश बना था। 1977 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की संपूर्ण क्रांति के बाद बनी सरकार के कारण देश को सच्ची आजादी मिली।

