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बिहार राज्य किसान सभा की राज्य कमेटी भंग एवं नयी संगठन समिति गठित

पटना:बिहार राज्य किसान सभा की राज्य परिषद की विशेष बैठक 04 अक्टूबर 2024 को केदार भवन, पटना में हुई। बैठक में अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजन क्षत्रसागर और राष्ट्रीय महासचिव आर वेंकैया ने भी भाग लिया। बैठक में बिहार राज्य किसान सभा के निष्क्रिय हो चुके राज्य कमिटी को भंग कर 11 सदस्यीय व्यापक संगठन समिति गठित की गई। 11 सदस्यीय संगठन समिति के सदस्य रामचन्द्र महतो, प्रमोद प्रभाकर, सीताराम शर्मा, रवींद्र नाथ राय, प्रभाशंकर सिंह, संजय कुमार, पूर्व विधान पार्षद, मिथिलेश कुमार झा, रामरतन सिंह विधायक, विजय शंकर सिंह, सत्यनारायण महतो और मनोज मिश्र चुने गए। का॰ रामचंद्र महतो को संयोजक तथा प्रमोद प्रभाकर व सीताराम शर्मा सह संयोजक निर्वाचित हुए। सदस्यता अभियान चलाकर ग्राम, प्रखण्ड और जिला और राज्य सम्मेलन आयोजित करने का फैसला लिया गया। बिहार राज्य किसान सभा का राज्य सम्मेलन 8 से 10 फरवरी, 2025 को मोतिहारी में आयोजित करने का निर्णय लिया गया। भूमि सर्वे के नाम पर भ्रष्टाचार तथा प्रशासनिक मनमानी और अलाभकर कृषि भूमि पर बढ़ाये गए मालगुजारी के खिलाफ बिहार के सभी अंचल कार्यालय पर 15 अक्टूबर 2024 को धरना दिया जाएगा।सर्वविदित है कि अभी बिहार में भू-सर्वे का कार्य चल रहा है। वर्त्तमान बिहार सरकार ने जब भू-सर्वे कार्य करने का नोटिफिकेशन जारी किया था तब उसी नोटीफिकेशन में भूमि की मालगुजारी का नया बढ़ा हुआ दर भी नोटिफाई किया था। सरकार के नये नोटिफिकेशन से मालगुजारी 10 गुना तक बढ़ जायेगा। राज्य सरकार ने विभिन्न विभागीय सरकारी भूमि हेतु टोकन दर एक रुपये प्रति एकड़ मालगुजारी निर्धारित किया है।

 

बिहार राज्य किसान सभा मांग करती है कि पांच एकड़ तक की कृषि भूमि को अलाभकार मानते हुए टोकन एक रुपये प्रति एकड़ मालगुजारी निर्धारित किया जाय। स्मार्ट मीटर लगाये जाने से आम बिजली उपभोक्ता पेरशान है। लगातार उपभोक्ताओं को गलत बिल आ रहा है। बिहार राज्य किसान सभा राज्य सरकार से मांग करती है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना को बंद किया जाय तथा बिजली उपभोक्ताओं को पूर्व की भांति पारंपरिक मीटर लगाया जाय। साथ ही बाढ़ एवं सूखाग्रस्त जिले के लोगों का बिजली बील माफ किया जाय तथा किसानों को 300 यूनिट फ्री बिजली दी जाए। बिहार में लगातार बाढ़-सुखाड़ की आपदा के लिए केन्द्र सरकार जिम्मेदार है। एक तरफ सुखाड़ की मार झेल रहे किसान कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर रहे हैं, दूसरी तरफ नेपाल सरकार के द्वारा छोड़े गये पानी से कोशी सहित विभिन्न नदियों के कहर से आमलोग बर्बाद हो रहे है। किसान सभा नदियों के उदगम स्थल पर बहुउद्देश्यीय हाई डेम निर्माण का आन्दोलन करती आ रही है। भारत नेपाल सरकार से समझौता के आधार पर कुछ योजनाएं लागू भी हुए। परन्तु केन्द्र सरकार के कारपोरेट निति का शिकार होकर हाई डेम निर्माण समझौता अधूरा पड़ा हुआ है।

 

बिहार राज्य किसान सभा केन्द्र एवं बिहार सरकार से मांग करती है कि बिहार के आमलोगों के सामने उत्पन्न आपदा की स्थिति के मद्देनजर स्थायी समाधान के लिए बाढ़-सुखाड़ के निदान के लिए हुए सभी समझौते को लागू करें। किसान सभा केन्द्र सरकार के खिलाफ सम्पूर्ण बिहार में चरणबद्ध आन्दोलन चलाने का निर्णय लिया है। संवाददाता सम्मेलन में बिहार राज्य किसान सभा के संगठन समिति के संयोजक रामचन्द्र महतो, सह संयोजक प्रमोद प्रभाकर, किसान नेता रवीन्द्र नाथ राय मौजूद थे।

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