NEW DELHI:किसानों के लिए अच्छी खबर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 2025-26 मार्केटिंग वर्ष के लिए सभी प्रमुख रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले की घोषणा की। एएनआई की खबर के अनुसार, सरकार ने किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से रबी फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी की है। इस निर्णय से देशभर के लाखों किसानों को फायदा होगा, क्योंकि अब वे अपनी फसल को उचित दाम पर बेच सकेंगे।
खबर के मुताबिक, एमएसपी में सबसे ज्यादा वृद्धि रेपसीड और सरसों के लिए 300 रुपये प्रति क्विंटल और मसूर के लिए 275 रुपये प्रति क्विंटल की गई है। इसके अलावा, चना, गेहूं, कुसुम और जौ के लिए क्रमशः 210 रुपये, 150 रुपये, 140 रुपये और 130 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। यह एमएसपी वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत का कम से कम 1.5 गुना तय करने का वादा किया गया था।
अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत पर किसानों को मिलने वाला मार्जिन गेहूं के लिए 105 प्रतिशत है, जबकि रेपसीड और सरसों के लिए यह 98 प्रतिशत, मसूर के लिए 89 प्रतिशत, चना और जौ के लिए 60 प्रतिशत और कुसुम के लिए 50 प्रतिशत है। इस बढ़े हुए एमएसपी से न केवल किसानों को उचित मूल्य मिलेगा, बल्कि यह फसल विविधीकरण को भी प्रोत्साहन देगा, जिससे खेती के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आएगा।