Bihar Politics: तिरहुत स्नातक उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करने वाले राजेश कुमार रौशन की आकस्मिक मृत्यु से राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। जानकारी के अनुसार, उनकी मृत्यु हार्ट अटैक के कारण हुई। इस घटना के बाद उनके परिवार में कोहराम मच गया है, और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है। राजेश कुमार को सुबह 5 बजे घर पर दिल का दौरा पड़ा था। इसके बाद परिजन उन्हें लेकर हाॅस्पिटल जा रहे थे, लेकिन उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।मुजफ्फरपुर में तिरहुत स्नातक उपचुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया चल रही थी, जिसमें माधोपुर सुस्ता निवासी राजेश कुमार रौशन ने कुछ दिनों पहले निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था। यह सीट देवेश चंद्र ठाकुर के सांसद बनने के बाद खाली हुई थी, जिसके लिए उपचुनाव कराया जा रहा है।
राजेश कुमार रौशन की अचानक मौत की खबर से उनके घर पर सुबह से ही लोगों की भीड़ लगी हुई है। इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए पूर्व मुखिया मुकेश शर्मा ने कहा कि राजेश कुमार रौशन की हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई। उन्होंने हाल ही में तिरहुत स्नातक उपचुनाव के लिए नामांकन भरा था, लेकिन इस दुखद घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया है।
भूमिहार वोटर्स के बीच थी अलग पहचान
भूमिहार पृष्ठभूमि से आने वाले राजेश कुमार रोशन बीजेपी के नेता थे। वे स्वामी सहजानंद सरस्वती विचार मंच चलाते हैं। भूमिहार वोटर्स के बीच उनकी अलग पहचान है। बता दें कि तिरहुत एनडीए का मजबूत गढ़ है। इससे पहले इस सीट पर देवेश चंद्र ठाकुर का कब्जा था। पिछले 22 सालों से इस सीट पर जेडीयू का कब्जा था। ऐसे में इस बार एनडीए की ओर से यहां अभिषेक झा कैंडिडेट हैं। इसके अलावा राजद ने वैश्व समुदाय से आने वाले गोपी किशन और जन सुराज ने डाॅ. विनायक गौतम को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस सीट से मुख्य पार्टियों के अलावा 6 निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी नामांकन दाखिल किया है।
यह सीट देवेश चंद्र ठाकुर के सांसद बनने के बाद खाली हुई है। यहां 5 दिसंबर को चुनाव होना है। वहीं नामांकन के लिए कल आखिरी दिन है। उपचुनाव के लिए मुजफ्फरपुर,वैशाली, सीतामढ़ी और शिवहर के एक लाख 58 हजार 828 स्नातक मतदाता वोट करेंगे