पटना: बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है। हालांकि इस सत्र के दौरान राजनीतिक हलचल कम रहने की संभावना है, क्योंकि हाल में हुए चार विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन ने शत-प्रतिशत सफलता प्राप्त की है। मुख्य विपक्षी दल राजद अपनी दो जीती हुई सीटें गंवा चुका है, जबकि उसकी सहयोगी भाकपा (माले) को भी एक सीट का नुकसान हुआ है। उपचुनाव की हार का मनोवैज्ञानिक प्रभाव विपक्ष पर साफ नजर आ सकता है, जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन, खासकर भाजपा, इस जीत को लेकर उत्साहित नजर आएगा। 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा दूसरे नंबर पर थी, लेकिन अब वह सदस्य संख्या के लिहाज से सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।
हालांकि, विपक्ष को झारखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम से राहत मिली है, और वह बिहार की हार की भरपाई के लिए झारखंड की जीत को मुद्दा बना सकता है। फिर भी, विपक्ष के पास सदन में गरमा-गरम बहस के लिए कई मुद्दे मौजूद हैं। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव इन दिनों आपराधिक घटनाओं के बारे में बयान दे रहे हैं, और वे इस मुद्दे को सदन में उठाने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा, जहरीली शराब से होने वाली मौतों का मुद्दा भी गरमा सकता है, खासकर सारण प्रमंडल में हुई शराब से मौतों को लेकर विपक्ष पहले से ही आक्रामक रुख अपनाए हुए है।
रोजगार और सरकारी नौकरियों का मुद्दा भी इस सत्र में प्रमुख रहेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने वादे के मुताबिक सरकारी नौकरियां देने का दावा कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने एक लाख 14 हजार से ज्यादा नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया है। राजद इस मुद्दे पर श्रेय लेने की कोशिश कर रहा है, और इसे लेकर सदन में हंगामा हो सकता है। इसके अलावा, कृषि क्षेत्र में डीएपी की कमी भी किसानों के बीच चर्चा का विषय है। कई क्षेत्रों में किसानों का आरोप है कि उन्हें ज्यादा कीमत पर डीएपी खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है, और विपक्ष इस मुद्दे को भी उठाएगा।सरकार के लिए इस सत्र में कई विधायी कार्य हैं, जिनमें द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी की प्रस्तुति प्रमुख है। इसके अलावा, कुछ विधेयक भी आ सकते हैं, और चार नए विधायकों का शपथ ग्रहण भी इस सत्र में होना है।
सोमवार से आरंभ हो रहे विधानमंडल के शीतकालीन सत्र को लेकर शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव के कक्ष में दलीय नेताओं की बैठक हुई. बैठक को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यदि सत्र सुचारू रूप से चले तो इस छोटे सत्र में भी अधिक कार्यों को निष्पादित किया जा सकता है. उन्होंने विश्वास जताया कि आगामी सत्र में इस सदन में जनहित के विषयों पर सार्थक विचार-विमर्श होगा एवं सत्ता पक्ष तथा विपक्ष परस्पर सहयोग से जन समस्याओं का समाधान करेंगे. उन्होंने दलीय नेताओं को बताया कि जनवरी 2025 में पीठासीन अधिकारियों का देशव्यापी सम्मेलन बिहार में आयोजित किया जा रहा है. 1982 के बाद बिहार में आयोजित हो रहे इस वृहत आयोजन में सभी सदस्यों की उपस्थिति एवं सहयोग अपेक्षित है.बैठक में विपक्ष एवं पक्ष के सभी नेताओं ने प्रश्न काल सहित सदन के सभी बिजनेस को गंभीरता से चलाने में अध्यक्ष को सकारात्मक सहयोग देने पर अपनी सहमति दी. बैठक में उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव, संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधारी, ऊर्जा तथा योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, सदस्य सर्वश्री जनक सिंह, शकील अहमद खान, अजय कुमार, रामानुज यादव, महबूब आलम, अख्तरुल इस्लाम शाहीन, अख्तरुल इमाम, सूर्यकांत पासवान तथा बिहार विधान सभा की प्रभारी सचिव ख्याति सिंह आदि उपस्थित रहे.

