पटना:बिहार सरकार के द्वारा पिछले दिनों जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी होने के साथ ही राजनीतिक बयान बाजी का जो दौर शुरू हुआ है वह जारी है। एक तरफ जहां सत्ताधारी पार्टियों जाति आधारित गणना को बेहतर बता रही है वहीं दूसरी तरफ विपक्ष समेत अन्य राजनीतिक पार्टियों इस पर सवाल उठा रही है। इसी सिलसिले में जन-जन पार्टी की बिहार प्रदेश अध्यक्ष मेनका रमन ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के द्वारा जाति आधारित गणना पर सवाल उठाया है। साथी साथ उन्होंने पिछड़ा वर्गों की बदहाली के लिए पिछले तीन दशकों से बिहार की सत्ता पर कभी जे पार्टियों को जिम्मेदार ठहराते हुए लोगों से इनके बहकावे में ना आने की अपील की है। मेनका रमन ने अपने-अपने सोशल मीडिया पेज फेसबुक पर लिखा कि बिहार में पिछले 33 वर्षों के पिछड़े मुख्यमंत्री के शासनकाल में एक बात तो हुआ वह ये कि पिछड़ा वर्ग को तोड़कर अतिपिछड़ा एवं दलित वर्ग को तोड़कर महादलित बनाया गया ताकि बिहार पिछड़ा रहे लेकिन इन पिछड़े मुख्यमंत्रियों की राजनीति आगे रहे lये बात अब धीरे धीरे पिछड़ा, अतिपिछड़ा, दलित और महादलित भी समझने लगे थे lउन्होंने कहा कि इससे पहले की ये वर्ग पूरी तरह से ये राजनितिक झोल समझ पते इन्हे जातिगत जनगणना में उलझा दिया गया lजागो बिहार वासियों जागो।जाति जाति खेलने वालों से दूर भागो l
33 वर्षों से बिहार में पिछड़े वर्ग से मुख्यमंत्री रहे फिर भी बिहार पिछड़ा क्यों?मेनका रमन
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