शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) एस. सिद्धार्थ प्रत्येक शनिवार को शिक्षकों और छात्रों के साथ संवाद करते हैं। अपनी इस विशेष पहल, *”शिक्षा की बात”*, के सातवें एपिसोड में उन्होंने छात्र-छात्राओं से उनके विद्यालय की समस्याओं को लेकर बातचीत की और उनके समाधान बताए।
बातचीत के दौरान छात्रों ने एस. सिद्धार्थ से उनके बचपन से जुड़े सवाल भी पूछे, जिनका उन्होंने सरलता और सहजता से उत्तर दिया। इसी चर्चा में एक छात्रा ने अपने स्कूल की एक शिक्षिका के व्यवहार की शिकायत करते हुए कहा कि वे बच्चों को पढ़ाने की बजाय फोन पर व्यस्त रहती हैं। बच्ची ने बताया, “हमारी शिक्षिका हमें खड़ा करके कहती हैं कि क्लास लो, जबकि वे खुद फोन चलाती रहती हैं। जब प्रिंसिपल मैम आती हैं, तो मैम जल्दी से फोन छुपा लेती हैं और पढ़ाने का नाटक करती हैं। अगर बच्चे ही पढ़ाएंगे, तो हम कुछ नया कैसे सीखेंगे?”
इस शिकायत पर एस. सिद्धार्थ ने गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “यह बिल्कुल अनुचित है। अगर शिक्षक पढ़ाने का अपना कर्तव्य नहीं निभाएंगे, तो बच्चों की शिक्षा का स्तर कैसे सुधरेगा?” उन्होंने दोहराया कि स्कूल में शिक्षकों के लिए फोन के इस्तेमाल पर पहले ही सख्त पाबंदी लगाई जा चुकी है। शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्कूल के समय में फोन का उपयोग किसी भी गैर-शैक्षणिक कार्य या सोशल मीडिया के लिए नहीं करेंगे।
छात्रा की शिकायत पर कार्रवाई का आश्वासन देते हुए एस. सिद्धार्थ ने कहा कि दोषी शिक्षकों पर सख्त कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शिक्षकों का दायित्व है कि वे पूरी निष्ठा और ईमानदारी से बच्चों को पढ़ाएं और उनकी शिक्षा को प्राथमिकता दें।
गौरतलब है कि एस. सिद्धार्थ ने इससे पहले भी स्कूलों में शिक्षकों द्वारा अनुशासनहीनता पर सख्ती से रोक लगाने के आदेश दिए थे। अब बच्चों की शिकायतों के आधार पर उन्होंने इसे लेकर और कड़े कदम उठाने की बात कही है।