नई दिल्ली: कांग्रेस ने चुनाव आयोग के नियमों में हाल ही में किए गए बदलाव को लेकर केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मंगलवार (24 दिसंबर 2024) को इस मामले में एक याचिका दायर की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस मामले में जल्द ही सुनवाई हो सकती है। कांग्रेस ने चुनाव संचालन नियम, 1961 में किए गए संशोधनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए एक रिट याचिका दायर की है और आशा जताई है कि शीर्ष अदालत चुनावी प्रक्रिया की “तेजी से खत्म होती” अखंडता को बहाल करने में मदद करेगी।
केंद्र सरकार ने हाल ही में चुनाव नियमों में बदलाव करते हुए, सीसीटीवी कैमरा, वेबकास्टिंग फुटेज और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण पर रोक लगा दी थी, ताकि इनका दुरुपयोग रोका जा सके। एआईसीसी महासचिव जयराम रमेश ने इस बदलाव को लेकर आपत्ति जताई है और कहा, “चुनाव आयोग एक संवैधानिक निकाय है और इस पर स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी है। इस कारण, इसे बिना किसी सार्वजनिक चर्चा के, एकतरफा तरीके से ऐसे महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव की अनुमति नहीं दी जा सकती।”
रमेश ने आगे कहा, “विशेष रूप से तब, जब ये संशोधन चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही को प्रभावित करते हुए आवश्यक जानकारी तक सार्वजनिक पहुंच को समाप्त कर रहे हैं। चुनावी प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा तेजी से कम हो रही है, और हम उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इसे बहाल करने में मदद करेगा।”
भारत के चुनाव आयोग की सिफारिश के आधार पर, केंद्रीय कानून मंत्रालय ने शुक्रवार को चुनाव नियम, 1961 के नियम 93(2)(ए) में संशोधन किया था। इस संशोधन के तहत, अब “कागजात” या दस्तावेजों के प्रकार को सार्वजनिक निरीक्षण के लिए प्रतिबंधित किया गया है।कांग्रेस ने इस बदलाव को लोकतंत्र की पारदर्शिता पर हमला करार दिया है और सुप्रीम कोर्ट से इस पर विचार करने की अपील की है।