बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए एक बड़े जनसंपर्क अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का नाम “एक करोड़ जनता अभियान” रखा गया है, जिसके तहत पार्टी अगले कुछ हफ्तों में राज्यभर के एक करोड़ लोगों तक सीधे पहुँचने की योजना पर काम कर रही है। इस अभियान का उद्देश्य जनता से उनके सुझाव लेना और अगले पाँच साल की नीतियों को उसी आधार पर तैयार करना है।
भाजपा ने इस मिशन को “जनसंवाद से जनादेश तक” के नारे के साथ शुरू किया है। पार्टी कार्यकर्ताओं को हर जिले, ब्लॉक और पंचायत स्तर तक सक्रिय किया गया है ताकि आम लोगों से सीधे संवाद हो सके। इस अभियान के माध्यम से भाजपा जनता से यह जानना चाहती है कि वे राज्य की किन समस्याओं को सबसे महत्वपूर्ण मानते हैं और आने वाली सरकार से उनकी क्या अपेक्षाएँ हैं।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि यह अभियान डिजिटल और जमीनी दोनों स्तरों पर चलेगा। इसके लिए एक विशेष मोबाइल ऐप और ऑनलाइन पोर्टल भी लॉन्च किया गया है, जहाँ लोग अपने सुझाव और शिकायतें दर्ज कर सकते हैं। वहीं, कार्यकर्ता घर-घर जाकर “जनमत पत्र” के माध्यम से लोगों से राय लेंगे। भाजपा का दावा है कि यह अभियान बिहार के इतिहास का सबसे बड़ा जनसंपर्क कार्यक्रम होगा।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने प्रत्येक जिले में 10-10 सदस्यीय कोर टीम गठित की है, जो इस अभियान की निगरानी करेगी। इन टीमों का मुख्य कार्य जनता के फीडबैक को रिकॉर्ड करना और उसे विधानसभा क्षेत्रवार वर्गीकृत करना होगा, ताकि राज्य स्तर पर नीतिगत दस्तावेज तैयार किया जा सके। पार्टी इसे “जनता का घोषणा पत्र” कह रही है, जो पारंपरिक घोषणा पत्रों से अलग होगा क्योंकि इसमें सीधा जनता की राय शामिल होगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह अभियान भाजपा की रणनीति का अहम हिस्सा है, जिससे वह ग्रामीण और शहरी दोनों वर्गों तक अपनी सीधी पहुँच बनाना चाहती है। पार्टी जानती है कि बिहार में चुनावी समीकरण जातीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर आधारित रहते हैं, ऐसे में “जनता से जुड़ाव” की यह पहल उसके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि यह सिर्फ प्रचार नहीं, बल्कि जनता के साथ “विचार संवाद” का प्रयास है। अभियान के तहत मुख्यमंत्री उम्मीदवार का चेहरा और गठबंधन की रणनीति भी जनता के मूड के अनुसार तय की जा सकती है। भाजपा का यह कदम साफ दर्शाता है कि वह इस बार बिहार चुनाव को सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि जनआंदोलन के रूप में पेश करना चाहती है।
अभियान की शुरुआत पटना से हुई है और आने वाले दिनों में इसका विस्तार सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों तक किया जाएगा। भाजपा ने इस अभियान के ज़रिए जनता का विश्वास जीतने और विपक्षी दलों को कड़ी टक्कर देने का संकल्प लिया है। पार्टी को उम्मीद है कि यह “एक करोड़ जनता अभियान” न केवल संगठन को मज़बूत करेगा, बल्कि बिहार के मतदाताओं में भाजपा के प्रति सकारात्मक माहौल भी बनाएगा।