पटना स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT पटना) में गुरुवार से चार दिवसीय विज्ञान कांग्रेस 2025 की शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर ने किया। उद्घाटन समारोह में देशभर के शीर्ष वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया। इस बार विज्ञान कांग्रेस का मुख्य विषय “सतत विकास और तकनीकी नवाचार” (Sustainable Development and Technological Innovation) रखा गया है, जिसका उद्देश्य नई पीढ़ी को विज्ञान और शोध के प्रति प्रेरित करना है। कार्यक्रम में 100 से अधिक विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं।
पहले दिन के सत्र में जलवायु परिवर्तन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई। कई वैज्ञानिकों ने भारत में हो रहे तकनीकी बदलावों पर अपने शोध प्रस्तुत किए। IIT पटना के निदेशक प्रोफेसर टी.एन. सिंह ने कहा कि “यह मंच युवा वैज्ञानिकों को अपने नवाचारों को दुनिया के सामने लाने का अवसर देता है।” वहीं, मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद ISRO के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अरविंद मिश्रा ने कहा कि भारत आने वाले दशक में अंतरिक्ष अनुसंधान और हरित प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व कर सकता है। छात्रों के लिए विशेष “साइंस मॉडल एक्ज़िबिशन” का भी आयोजन किया गया है, जिसमें 200 से अधिक प्रोजेक्ट्स प्रदर्शित किए जा रहे हैं।
कार्यक्रम के दूसरे और तीसरे दिन कई तकनीकी सत्र, वर्कशॉप और पैनल डिस्कशन होंगे, जिनमें स्टार्टअप, डिजिटल इनोवेशन और ग्रामीण विज्ञान विकास पर विशेष फोकस रहेगा। अंतिम दिन युवा वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को सम्मानित किया जाएगा। आयोजन समिति ने बताया कि यह कार्यक्रम बिहार में वैज्ञानिक चेतना को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सरकार की योजना है कि ऐसे आयोजनों को हर वर्ष राज्य के विभिन्न तकनीकी संस्थानों में आयोजित किया जाए ताकि विज्ञान को समाज से जोड़ा जा सके। IIT पटना परिसर में छात्रों और शिक्षकों के बीच इस आयोजन को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।