उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अयोध्या में आयोजित भव्य दीपोत्सव समारोह में विपक्षी दलों पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि आज अयोध्या में जो भव्यता और धार्मिक गौरव देखने को मिल रहा है, वह उन लोगों को जवाब है जिन्होंने वर्षों तक श्रीराम के नाम पर राजनीति की लेकिन रामलला के मंदिर का निर्माण नहीं होने दिया। योगी ने कहा कि “राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनना केवल आस्था का विषय नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक है।” मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि विपक्ष ने हमेशा लोगों की भावनाओं को बांटने का काम किया, जबकि भाजपा सरकार ने सबको साथ लेकर “सबका विकास” की भावना से कार्य किया है।
दीपोत्सव के इस कार्यक्रम में अयोध्या ने एक बार फिर विश्व रिकॉर्ड बनाया। सरयू तट पर लाखों दीपों की जगमगाहट के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि “नए भारत की पहचान” है। उन्होंने कहा कि “आज अयोध्या का हर कोना भगवान राम के आदर्शों की ज्योति से आलोकित है। ये वही अयोध्या है जिसे वर्षों तक उपेक्षित रखा गया, लेकिन अब यह विश्व पर्यटन मानचित्र पर अपनी पहचान दर्ज करा रही है।” उन्होंने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे विकास और आस्था के विरोधी हैं, लेकिन प्रदेश की जनता उनके इरादों को भलीभांति समझ चुकी है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले आठ वर्षों में अयोध्या के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान दिया है। शहर में सड़कों, पर्यटन स्थलों, राम मंदिर परिसर और यातायात व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में अयोध्या अंतरराष्ट्रीय तीर्थ और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित होगा। योगी ने कहा, “जो लोग राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते थे, वे आज राम मंदिर की भव्यता देखकर मौन हैं।” उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे प्रदेश के विकास और धर्म-संस्कृति की रक्षा के लिए एकजुट रहें।