पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के नामांकन की अंतिम तिथि पर महागठबंधन (इंडिया गठबंधन) की एकजुटता पर सवाल खड़े हो गए हैं। सीट बंटवारे को लेकर लंबे समय से चली आ रही खींचतान अब खुलकर सामने आ गई है, जहां RJD, कांग्रेस, CPI, VIP और अन्य सहयोगी दल एक-दूसरे के खिलाफ ही उम्मीदवार उतार बैठे हैं। कुल 13 विधानसभा क्षेत्रों में गठबंधन के घटक दल ‘दोस्ताना लड़ाई’ के नाम पर आपसी टकराव में उलझ गए हैं, जिससे एनडीए को फायदा मिल सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह आंतरिक कलह गठबंधन की वोट बैंक को चीर सकती है, खासकर उन सीटों पर जहां वोटरों में पहले से ही असमंजस की स्थिति है। सूत्रों के अनुसार, RJD ने 143 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए, जबकि कांग्रेस ने 61 और CPI ने 30 सीटों की मांग रखी थी। बातचीत के बावजूद सुलह नहीं हो सकी, और नामांकन भरने की अंतिम घड़ी में दोनों पक्षों ने अपने-अपने दावेदारों को चुनाव चिह्न आवंटित कर मैदान में उतार दिया।
महागठबंधन के भीतर सबसे ज्यादा टकराव RJD-कांग्रेस (6 सीटें), CPI-कांग्रेस (4 सीटें) और RJD-VIP (2 सीटें) के बीच देखा जा रहा है। यहां सूचीबद्ध हैं वे 13 विधानसभा क्षेत्र जहां गठबंधन के उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ उतर आए हैं:
| क्रमांक | विधानसभा क्षेत्र | उम्मीदवार 1 (दल) | उम्मीदवार 2 (दल) |
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| 1 | करगहर | महेंद्र गुप्ता (CPI) | संतोष मिश्रा (कांग्रेस) |
| 2 | सुगौली | शशिभूषण सिंह (RJD) | मनोज सहनी (VIP) |
| 3 | बिहारशरीफ | शिव प्रकाश यादव (CPI) | ओमैर खान (कांग्रेस) |
| 4 | राजापाकर | मोहित पासवान (CPI) | प्रतिमा दास (कांग्रेस) |
| 5 | बछवाड़ा | अवधेश राय (CPI) | गरीब दास (कांग्रेस) |
| 6 | गौरा बौराम | अफजल अली (RJD) | संतोष सहनी (VIP) |
| 7 | लालगंज | शिवानी शुक्ला (RJD) | आदित्य राजा (कांग्रेस) |
| 8 | कहलगांव | रजनीश यादव (RJD) | प्रवीण कुशवाहा (कांग्रेस) |
| 9 | सिकंदरा | उदय नारायण चौधरी (RJD) | विनोद चौधरी (कांग्रेस) |
| 10 | वारिसलीगंज | अनिता देवी (RJD) | मंटन सिंह (कांग्रेस) |
| 11 | वैशाली | अजय कुशवाहा (RJD) | संजीव कुमार (कांग्रेस) |
| 12 | चैनपुर | बालगोविंद बिंद (VIP) | बृज किशोर बिंदु (RJD) |
| 13 | झंझारपुर | राम नारायण यादव (CPI) | VIP उम्मीदवार |
इनमें से वैशाली, लालगंज और बछवाड़ा जैसी सीटें सबसे संवेदनशील हैं, जहां दोनों पक्षों के उम्मीदवारों ने नामांकन भर दिया है। बछवाड़ा में CPI के अवधेश राय और कांग्रेस के गरीब दास के बीच टकराव की स्थिति में, सूत्रों का कहना है कि अंतिम समय में नाम वापसी की संभावना है, लेकिन अभी तक कोई सहमति नहीं बनी। इसी तरह, गौरा बौराम में RJD-VIP का मुकाबला मुकेश सहनी के प्रभाव को परखने का मैदान बन गया है।
गठबंधन के प्रमुख घटक RJD (लगभग 138 सीटें), कांग्रेस (57), CPI (21), VIP (6) और अन्य छोटे दलों के बीच सीटों का बंटवारा तय न होने से यह स्थिति बनी। VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने 25 सीटों की मांग रखी, जबकि लेफ्ट दलों ने 30 सीटें मांगीं। दिल्ली और पटना में चली लंबी बैठकों के बावजूद राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के बीच फोन पर बातचीत से भी कोई हल नहीं निकला। राजनीतिक विश्लेषक डॉ. राम पुनियानी ने कहा, “यह ‘फ्रेंडली फाइट’ गठबंधन की कमजोरी को उजागर करती है। एनडीए इन सीटों पर आसानी से सेंध लगा सकता है।”
महागठबंधन के नेता अभी भी दावा कर रहे हैं कि अंतिम समय में तालमेल हो जाएगा, लेकिन नामांकन की अंतिम तिथि (20 अक्टूबर) गुजरने के बाद अब वोटरों का ध्यान इस आंतरिक जंग पर केंद्रित हो गया है। बिहार के सियासी घमासान में यह नया मोड़ विपक्ष की एकता पर बड़ा सवालिया निशान लगा रहा है। क्या गठबंधन टूटेगा या बचेगा? आने वाले दिनों में इसका जवाब मिलेगा।