पटना:वैशाली जिले की लालगंज विधानसभा सीट पर महागठबंधन के भीतर चल रहा सियासी घमासान अब थम गया है। इस सीट पर पहले महागठबंधन के दो घटक दलों, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के बीच टकराव की स्थिति थी, लेकिन अब गठबंधन ने ‘गठबंधन धर्म’ का पालन करते हुए एकता का परिचय दिया है। कांग्रेस प्रत्याशी आदित्य कुमार राजा ने अपना नामांकन वापस ले लिया है, जिससे राजद की उम्मीदवार शिवानी शुक्ला की राह आसान होती दिख रही है।
लालगंज विधानसभा सीट पर राजद ने मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला को अपना उम्मीदवार घोषित किया था, जबकि कांग्रेस ने भी इस सीट पर दावेदारी पेश करते हुए आदित्य कुमार राजा को मैदान में उतारा था। इस स्थिति से महागठबंधन के भीतर ‘फ्रेंडली फाइट’ की संभावना बन रही थी, जो गठबंधन की एकता के लिए चुनौती बन सकती थी। हालांकि, आदित्य राजा के नामांकन वापस लेने के बाद अब इस सीट पर महागठबंधन की ओर से केवल शिवानी शुक्ला ही मैदान में हैं।
नामांकन वापस लेने के बाद आदित्य राजा ने कहा, “यह निर्णय मैंने किसी दबाव या व्यक्तिगत स्वार्थ के कारण नहीं लिया। महागठबंधन में एकता और सहयोग बनाए रखना लोकतंत्र की जिम्मेदारी है। इसी सोच के साथ मैंने यह कदम उठाया।” उनकी इस पहल ने गठबंधन के भीतर सहयोग की भावना को मजबूत किया है।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी वर्षा सिंह ने पुष्टि की कि आदित्य कुमार राजा ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। उन्होंने यह भी बताया कि महुआ विधानसभा में भी दो अन्य प्रत्याशियों ने अपने नामांकन वापस लिए हैं।
शिवानी शुक्ला के लिए यह स्थिति अब काफी अनुकूल मानी जा रही है। फ्रेंडली फाइट की संभावना खत्म होने से महागठबंधन का वोट बैंक बंटने का खतरा टल गया है, जिसका सीधा फायदा राजद प्रत्याशी को मिल सकता है। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि लालगंज में शिवानी शुक्ला कितनी मजबूती से अपनी जीत का परचम लहरा पाती हैं।