Nationalist Bharat
ब्रेकिंग न्यूज़

निर्भया के गुनहगार को फाँसी, माँ ने ली सूकून की सांस

 

7 साल के संघर्ष में खर्चे इतने बढ़ गए कि सात साल में कभी पति की पूरी तनख्वाह घर नहीं आई।  बेटी के साथ हुई दरिंदगी ने पूरे परिवार को तोड़ कर रख दिया था। मैं कभी पुलिस चौकी भी नहीं गई थी। लेकिन 7 साल में घर से ज्यादा वक्त कोर्ट-कचहरी में बीता। खाना- पानी तो छोड़ो जीवन की सुध नहीं रही। बेटी को इंसाफ  दिलाने के लिये परिवार को भी बहुत त्याग करना पड़ा:निर्भया की माँ आशा देवी

Advertisement

 

नई दिल्ली:देश के सबसे वीभत्स सामूहिक बलात्कार निर्भया केस (Nirbhaya case) के चारों दोषियों को आज 20 मार्च को तिहाड़ जेल में तड़के साढ़े 5 बजे फांसी पर लटका दिया गया। आखिरकार निर्भया की सहासी व जुझारू मां ने अपने 7 साल के लंबे संघर्ष के बाद बेटी निर्भया को इंसाफ दिला ही दिया। चार लोगों को पहली बार इतिहास में रेप केस में फांसी एकसाथ दी गई है।लंबे अरसे और जिद्दोजहद के बाद निर्भया के दोषियों को फांसी होेने के बाद पीड़िता की मां आशा देवी ने सूकुन की सांस ली है। उन्होंने कहा कि निर्भया को आखिरकार इंसाफ मिल गया है। उन्होंने कहा कि इस सजा के बाद दंरिदें कोई भी अपराध करने से पहले 100 बार सोचेंगे। उन्होंने कहा, ‘मुझे अपनी बेटी पर गर्व है, उसी की बदौलत दुनिया मुझे निर्भया की मां के रूप में जाती है।’निर्भया की मां ने दोषियों से फांसी से पहले भी कहा था कि सात साल पहले तक मैं अन्य आम गृहणियों की तरह थी मेरे लिए जिंदगी का अर्थ पति और बच्चों के साथ खुश रहना था। लेकिन 12 दिसंबर 2012 को बेटी के साथ हुए हादसे व बेटी के जाने के बाद जिंदगी के मायने बदल गए। जीवन कभी सामान्य नहीं हो पाया।  बेटी को न्याय दिलाने का संघर्ष पुलिस और अदालत तक सिमटकर रह गया। अपनी बात रखने के लिए कई-कई घंटे इंतजार किया। बेटी को न्याय दिलाने के लिये दर-दर भटकी। कोई कुछ राय देता तो कोई कुछ। कई बार तो दिमाग काम करना बंद कर देता। समझ नहीं आता कि क्या करूं। कभी मन हारने लगता हिम्मत जवाब देने लगती लेकिन, बेटी को न्याय दिलाने की लड़ाई हारने के डर से दिल सहम जाता था। 7 साल के संघर्ष में खर्चे इतने बढ़ गए कि सात साल में कभी पति की पूरी तनख्वाह घर नहीं आई।  बेटी के साथ हुई दरिंदगी ने पूरे परिवार को तोड़ कर रख दिया था। मैं कभी पुलिस चौकी भी नहीं गई थी। लेकिन 7 साल में घर से ज्यादा वक्त कोर्ट-कचहरी में बीता। खाना- पानी तो छोड़ो जीवन की सुध नहीं रही। बेटी को इंसाफ  दिलाने के लिये परिवार को भी बहुत त्याग करना पड़ा।

Advertisement

Related posts

बिहार महागठबंधन में सीटों का बटवारा तय,पटना में होगा ऐलान

इसरो के वैज्ञानिकों से मिलने पहुंचे पीएम मोदी, चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए पीठ थपथपाकर दी बधाई

National Herald Case: सोनिया व राहुल गांधी को ED का नोटिस, 8 जून को होगी पूछताछ

Leave a Comment