जिस मामले को लेकर आमिर सुबहानी को पद से हटाने की मांग की जा रही है उस मामले में बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडेय का कहना है कि वो हत्या का मामला नहीं है बल्कि डूबने से मौत हुई है।
पटना:कोरोना काल मे जहां एक तरफ लोगों का जीवन यापन प्रभावित हुआ और वो परेशान हैं वहीं कुछ लोगों और संगठनों द्वारा राजनीति भी जारी है।ताज़ा मामला वर्तमान गृह सचिव से जुड़ा है।15 वर्षीय बालक की डूबने से हुई मौत के मामले में स्थानीय पुलिस के रवैये को संवेदनहीन बताते हुए उसकी आड़ में वर्तमान गृह सचिव आमिर सुबहानी को पद से हटाने की मांग की जा रही है।जिस मामले को लेकर आमिर सुबहानी को पद से हटाने की मांग की जा रही है उस मामले में बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडेय का कहना है कि वो हत्या का मामला नहीं है बल्कि डूबने से मौत हुई है।इस सिलसिले में विश्व संवाद केंद्र के लेटर हेड पर जारी अपने बयान में विश्व हिन्दू परिषद ने राज्य सरकार से मांग की है कि राज्य के वर्तमान गृह सचिव आमिर सुबहानी को अविलंब पद से हटाया जाये। राज्यपाल को दिये गये ज्ञापन में विश्व हिन्दू परिषद् ने राज्य में हिन्दुओं के साथ हो रहे नियमित दुर्व्यवहार को लेकर चिंता व्यक्त की है। अपने जारी बयान में विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांडे ने बताया है कि राज्य में हिन्दुओं पर हमले के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। दोषी व्यक्तियों को दंडित नहीं किया जा रहा है। या फिर दोषी व्यक्तियों को दंड देने में विलंब किया जा रहा है। प्रशासन का रवैया ढीला-ढाला एवं संवेदनहीन है जैसा कि गोपालगंज के कटैया प्रखंड में रोहित जायसवाल के मामले में देखा गया ।
परांडे ने प्रशासन के ऐसे रवैये का जिम्मेवार राज्य के गृह सचिव आमिर सुबहानी को बताया है।गोपालगंज के कटेया थाना नीतिगत 15 वर्षीय रोहित जायसवाल के परिजनों के प्रति पुलिस के रवैये को संवेदनहीन करार दिया है। डेढ़ माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद मृत परिजन को खौफजदा होना काफी कुछ इशारा करता है। इसके एलावा भी कई मामले का ज़िक्र किया गया है जिसमे अधिकतर मामले को सांप्रदायिक चश्मे से देखने की कोशिश की गई है।जारी वक्तव्य में विश्व हिन्दू परिषद के महासचिव ने मांग की है कि सभी अपराधियों और उनके षड्यंत्रकारियों को अविलंब गिरफ्तार कर कठोरतम दंड दिया जाये। संवेदनहीन पुलिसकर्मी व अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई हो।