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GST मामले पर अपनी ही सरकार पर बरसे वरुण गांधी,लोगों ने भी मोदी सरकार की लगाई क्लास

नई दिल्ली:भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने खाने पीने की जो जैसे दूध दही मक्खन चावल दाल ब्रेड इत्यादि पर नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा जीएसटी लागू करने की खूब आलोचना करते हुए अपने ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया है । भाजपा सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा के आज से दूध, दही, मक्खन, चावल, दाल, ब्रेड जैसे पैक्ड उत्पादों पर GST लागू है।रिकार्डतोड़ बेरोजगारी के बीच लिया गया यह फैसला मध्यमवर्गीय परिवारों और विशेषकर किराए के मकानों में रहने वाले संघर्षरत युवाओं की जेबें और हल्की कर देगा। जब ‘राहत’ देने का वक्त था, तब हम ‘आहत’ कर रहे हैं। बताते चलें कि भारतीय जनता पार्टी के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी लगातार अपनी ही सरकार और प्रधानमंत्री को लेकर निशाना साधते रहते हैं। कई कई मौके पर वरुण गांधी ने अपने लेखों के माध्यम से तो कभी अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से संदेश देकर भारतीय जनता पार्टी की अपनी सरकार को आईना दिखाया है। ताजा कड़ी में भाजपा सांसद वरुण गांधी के द्वारा सरकार को कटघरे में खड़ा करने से विपक्ष को भी एक बना बनाया मुद्दा हाथ लग जाएगा जिसके सहारे वो केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हो सकती है। क्योंकि जीएसटी लागू करने का यह फैसला आम जनों से जुड़ा हुआ है खाने पीने की चीजों पर जीएसटी लगाकर गरीब लोगों को भी महागाई की भट्ठी में झोंकने और उनको और गरीब करने की कोशिश कही जा सकती है।

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इसी पहले बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि यूक्रेन से सुरक्षित भारत वापस लाए गए छात्रों के हक में आवाज उठाई है। वरुण गांधी किसान आंदोलन के समय से ही केंद्र की सरकार पर निशाना साध रहे हैं और युवाओं और किसानों की व्यथा को उठा रहे हैं। वरुण गांधी ने अपील की है कि भारत सरकार को इन छात्रों की सुध लेनी चाहिए।वरुण गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि ना ही छात्रों के पास कोई डिग्री है ना ही उनका भविष्य सुरक्षित है। उन्होंने लिखा, “यूक्रेन से लौटे 14000 हजार छात्रों का स्वागत हमने कितने हर्ष से किया था। इनके माता-पिता द्वारा सारी जमा-पूँजी लगा देने के बाद भी आज इन छात्रों का भविष्य अधर में फँसा हुआ है। न डिग्री, न कोई उम्मीद। सरकार को इन छात्रों की सुध लेते हुए इनके भविष्य का रास्ता तय करने की जरूरत है।”

 

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साथ ही वरुण गांधी के ट्वीट पर लोगों भी अपने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्र की मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है ।एक यूजर लिखते हैं कि विधायकों को ख़रीदना कितना महँगा हो गया है,इतना आसान थोड़े है कि जनता बहुमत न दें फिर भी सरकार बनानी पड़ती है,बेचारा @narendramodi गरीब माँ का बेटा जो ठहरा,मेरी तो आँखें भर आती है कई बार सोचते सोचते कि कितनी मेहनत करनी पड़ती होगी मोदी को,हर घर में ग़रीबी लाने के लिए।

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यशवीर सिंह लिखते हैं कि ये कैसी न्याय प्रणाली है सरकार का कर्तव्य होता है कि देशवासियों की हर प्रकार से मदद करे यहाँ तो उलटा हो रहा है ना रोज़गार है ऊपर से हर वस्तु इतनी महँगी हो गई है की आम आदमी की पहुँच से दूर होती जा रही है ये तो भारत वासियो के साथ अन्याय है आख़िर हमने वोट देकर क्या कोई गलती कर दी।

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तुषार नामक यूजर लिखते हैं कि आपके प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री दोनों ही नहीं सुनते है आम इंसानो का दर्द तो आपकी बात कहा सुनेंगे. अगर वो देश के होते तो शायद ऐसा कदम नहीं उठाते इस समय. यहा एक और बात है कोई भी इनके खिलाफ बोलना शुरू करे तो उनको गालियां या देश द्रोही तक बोल दिया जाता है, सही परिपाटी है बीजेपी की.

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अरुण सिंह लिखते हैं कि आज महंगाई की मार देश के सभी मध्यम वर्गीय परिवार को झेलना पड़ रहा है बेरोजगारी एकदम अपने चरम पर पहुंच गई है सरकार की जितनी भी नीति है सब मध्यम वर्ग के लिए दिनोदिन मुसीबत बनती जा रही है।

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