नई दिल्ली:राजनीति में परिवार वाद पर चिल्लाने वाली भाजपा का चेहरा भी बेनकाब हो रहा है।हल हो में मध्य प्रदेश में मंत्री मंडल विस्तार में ये पूरी तरह जग जाहिर हो गया।चुनाव से 2 महीने पहले शिवराज सिंह चौहान ने अपने कैबिनेट में 3 नए मंत्रियों को शामिल किया है, लेकिन राहुल लोधी की चर्चा सबसे ज्यादा है. पहली बार विधायकी जीतकर शिवराज कैबिनेट में शामिल होने वाले लोधी उमा भारती के भतीजे हैं. राहुल की कैबिनेट में एंट्री उमा की नाराजगी दूर करने के रूप में देखा जा रहा है।सूत्रों का कहना है राहुल लोधी की एंट्री से कई विधायक नेता मिनिस्टर-इन-वेटिंग रह गए. फायरब्रांड नेता उमा भारती जिस लोधी समुदाय से आती हैं, जो बुंदेलखंड और निवाड़ के 17 जिलों में काफी प्रभावी हैं. मध्य प्रदेश विधानसभा के करीब 50 सीटों पर लोधी वोटर्स असरदार हैं.
राहुल लोधी शिवराज कैबिनेट में परिवारवाद कोटे से जगह पाने वाले पहले मंत्री नहीं हैं. लोधी के अलावा 4 नेता पुत्र और एक नेता पुत्री को भी कैबिनेट में जगह मिली हुई है. परिवारवाद कोटे से जगह पाने वाले मंत्रियों को कैबिनेट में बड़े-बड़े विभाग भी सौंपे गए हैं।
इससे पहले मध्यप्रदेश कैबिनेट में 23 कैबिनेट मंत्री, 7 राज्य मंत्री थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के BJP में आने के बाद गठित मंत्रिमंडल को लेकर पूर्व सीएम उमा भारती कई मर्तबा कह चुकी थीं कि मंत्रिमंडल में जातीय संतुलन नहीं है। उमा के इस बयान के पीछे की वजह यह थी कि मंत्रिमंडल में लोधी समाज का एक भी मंत्री नहीं था, जबकि पिछली भाजपा की सरकारों में कुसुम महदेले और जालम सिंह पटेल मंत्री थे। 2014 में बनी केंद्र में मोदी सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती केंद्रीय कैबिनेट में शामिल थीं।