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लड़ाई मनुस्मृति और संविधान के बीच,50 फीसदी आरक्षण की दीवार तोड़ेंगे:राहुल

लड़ाई मनुस्मृति और संविधान के बीच,50 फीसदी आरक्षण की दीवार तोड़ेंगे:राहुल

MEW DELHI:भारत के संविधान की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर आज लोकसभा में विशेष चर्चा हुई, जिसमें विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने संविधान पर चर्चा के दौरान कहा कि भारत का संविधान महात्मा गांधी, डॉ. अंबेडकर, और पंडित नेहरू जैसे महान नेताओं के विचारों पर आधारित है, लेकिन इन विचारों की जड़ें भगवान शिव, गुरु नानक, भगवान बासवन्ना और संत कबीर की शिक्षाओं में हैं। राहुल गांधी ने कहा, “हमारा संविधान हमारी प्राचीन विरासत के बिना अधूरा होता।”

संविधान बनाम मनुस्मृति का संदर्भ
राहुल गांधी ने कहा, “सावरकर ने अपने लेखों में कहा था कि संविधान में कुछ भी भारतीय नहीं है। उन्होंने इसे मनुस्मृति और संविधान के बीच की लड़ाई बताया। अब सवाल यह है कि आप सावरकर की बात मानते हैं या संविधान की? भाजपा का दृष्टिकोण पुरानी सोच को लागू करने का है।” उन्होंने महाभारत का उदाहरण देते हुए कहा, “जैसे गुरु द्रोणाचार्य ने एकलव्य को शिक्षा देने से मना किया और बाद में उसका अंगूठा मांगा, उसी तरह आज की सरकार भी जनता का अंगूठा काट रही है।”

सरकार की नीतियों पर हमला
राहुल गांधी ने अदाणी समूह का जिक्र करते हुए कहा कि जब धारावी का व्यवसाय अदाणी को दिया जाता है, तो छोटे व्यापारियों का “अंगूठा काटा” जाता है। बंदरगाह और हवाई अड्डे निजी हाथों में सौंपने, लेटरल एंट्री से सरकारी नौकरियां भरने और पेपर लीक के मामलों का हवाला देते हुए उन्होंने युवाओं के अधिकारों को खत्म करने का आरोप लगाया। उन्होंने अग्निवीर योजना और एमएसपी की मांग को ठुकराने के मामलों का उल्लेख करते हुए कहा, “किसानों और युवाओं के अधिकार छीनने का यह तरीका संविधान के खिलाफ है।”

हाथरस मामले का जिक्र
हाथरस दुष्कर्म कांड का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “संविधान कहता है कि हर व्यक्ति की सुरक्षा होनी चाहिए, लेकिन हाथरस में संविधान नहीं, बल्कि मनुस्मृति लागू हो रही है। पीड़ित परिवार को न्याय के बजाय धमकियां दी जा रही हैं। सरकार ने चार साल पहले उनके पुनर्वास का वादा किया था, लेकिन आज तक पूरा नहीं हुआ। अगर सरकार यह नहीं करेगी, तो इंडी गठबंधन पीड़ित परिवार का पुनर्वास करेगा।”

जातीय जनगणना और आरक्षण का मुद्दा
राहुल गांधी ने जातीय जनगणना की मांग को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा, “आज राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक समानता खत्म हो गई है। इसलिए हमारा अगला कदम जातीय जनगणना होगा। हम दिखाएंगे कि किन लोगों का ‘अंगूठा काटा’ गया है। उसके बाद भारत में एक नई राजनीति और विकास का दौर शुरू होगा।” उन्होंने 50% आरक्षण की सीमा को भी तोड़ने की बात कही।

संविधान की रक्षा का संकल्प
राहुल गांधी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह धर्म और जाति के आधार पर लोगों को बांटती है, जो संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “इंडी गठबंधन संविधान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। हम देश के हर नागरिक से कहना चाहते हैं कि आपकी सुरक्षा संविधान करता है, लेकिन भाजपा लगातार संविधान पर हमला करती है।”

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