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पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राजनीति से संन्यास का किया ऐलान, अगले चुनाव में नहीं मांगेंगे वोट

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। गया में बरनवाल समाज के सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे मांझी ने अपने भाषण में कहा कि 85 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद वह चुनावी राजनीति से पूरी तरह दूरी बना लेंगे। फिलहाल मांझी 80 वर्ष के करीब हैं और सक्रिय राजनीति में पूरी तरह जुड़े हुए हैं।

अपने संबोधन में मांझी ने बताया कि वह 75 वर्ष की उम्र में ही राजनीति से संन्यास लेना चाहते थे। लेकिन नीतीश कुमार के आग्रह पर उन्हें गया के इमामगंज विधानसभा से चुनाव लड़ना पड़ा। मांझी ने कहा, *”उस वक्त परिस्थितियां ऐसी थीं कि मुझे चुनाव लड़ना पड़ा। लेकिन अब मेरी सभी इच्छाएं पूरी हो चुकी हैं।”*

गया के विकास को प्राथमिकता
मांझी ने कहा कि गया के विकास के लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए कार्यों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि अगले 3 से 4 वर्षों में वह गया के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं पूरी करेंगे। मांझी ने संकेत दिए कि अगले संसदीय चुनाव में वह जनता से वोट मांगने नहीं आएंगे।

हवाई सेवाओं पर फोकस
मांझी ने गया एयरपोर्ट से दो अतिरिक्त हवाई सेवाओं के शुरू होने की बात कही। उन्होंने कहा कि यह सेवा जल्द ही शुरू होगी, जिससे गया से दिल्ली का हवाई किराया कम होगा। उन्होंने कहा, *”पटना से दिल्ली का हवाई किराया कम है, जबकि गया से दिल्ली का किराया अधिक है। लेकिन एडिशनल सेवाओं के शुरू होने से किराए में कमी आएगी और लोगों को राहत मिलेगी।”* इसके अलावा, मालवाहक हवाई जहाज की सेवा शुरू करने की योजना का भी जिक्र किया।

राजनीति से संन्यास का संकेत और भविष्य की भूमिका पर चर्चा
जीतन राम मांझी का यह बयान उनके राजनीतिक सफर के एक पड़ाव को दर्शाता है और बिहार की राजनीति में संभावित बदलावों की ओर इशारा करता है। उनके इस निर्णय के बाद उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और उनके उत्तराधिकारी की भूमिका पर चर्चाएं तेज हो गई हैं।मांझी का यह निर्णय न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन में एक बड़ा बदलाव है, बल्कि बिहार की राजनीति में भी संभावनाओं और चुनौतियों का नया अध्याय जोड़ता है।

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