बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को एक बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। पार्टी के स्टार प्रचारक और मुजफ्फरपुर की कुढ़नी विधानसभा सीट से पूर्व विधायक अनिल सहनी ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया। सहनी हाल ही में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की टीम में स्टार प्रचारक के रूप में शामिल किए गए थे।
बुधवार को अनिल सहनी ने पहले आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल को इस्तीफा सौंपा और कुछ घंटों बाद पटना स्थित बीजेपी मीडिया सेंटर में आयोजित मिलन समारोह में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री और बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी सहित कई वरिष्ठ बीजेपी नेता मौजूद रहे। उनके साथ पूर्व विधायक आशा देवी ने भी बीजेपी की सदस्यता ली।
अनिल सहनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “आरजेडी में अति पिछड़ा वर्ग का लगातार अपमान हो रहा है। पार्टी अब अपने मूल सिद्धांतों से भटक गई है।” सूत्रों के मुताबिक, सहनी अपने पुत्र को कुढ़नी सीट से टिकट दिलाना चाहते थे, लेकिन आरजेडी ने इस बार वहां से बबलू कुशवाहा को उम्मीदवार घोषित किया।
एलटीसी घोटाले के चलते अनिल सहनी की विधायकी पहले ही रद्द हो चुकी है। उन्हें इस मामले में दो साल की सजा हुई थी और तीन साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगी थी। उनकी सीट खाली होने के बाद 2022 में हुए उपचुनाव में बीजेपी के केदार प्रसाद गुप्ता ने जीत दर्ज की थी।
राजनीतिक करियर की शुरुआत अनिल सहनी ने जेडीयू (JDU) से की थी और पार्टी ने ही उन्हें राज्यसभा भेजा था। बाद में उन्होंने आरजेडी का दामन थामा और 2020 के विधानसभा चुनाव में कुढ़नी सीट से जीत हासिल की।
अब उनके बीजेपी में शामिल होने से बिहार की सियासत में नया समीकरण बनता दिख रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेजस्वी यादव को चुनाव से पहले अपने ही स्टार प्रचारक को खोना महागठबंधन के लिए बड़ा झटका है।