बदलाव पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए जनाधिकार पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है।उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगता है अब लोहियावादी और समाजवादी से अंबानी वादी बन गए हैं।
पटना:भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में श्रम कानून में बदलाव की देखा देखी बिहार की नीतीश सरकार ने भी श्रम कानून में बदलाव कर दिया है।इसके तहत यूपी व मध्यप्रदेश की तर्ज पर बिहार का नया श्रम कानून होगा। 50 से कम श्रमिक वाले कारखाने श्रम कानून के दायरे से बाहर रखे जाएंगे। अभी 20 से अधिक श्रमिक वाले उद्योग इस दायरे में हैं। तीन साल तक लेबर इंस्पेक्टर किसी भी कारखाने का निरीक्षण नहीं करेंगे। कारखानाें में 3 साल तक कार्यदिवस 8 से बढ़ा कर 12 घंटे किया जाएगा। यानी सप्ताह में एक मजदूर से 72 घंटे काम कराया जा सकेगा। 6 घंटे के बाद आधा घंटा का ब्रेक मिलेगा। उद्योग पंजीकरण की ऑनलाइन प्रक्रिया 30 के बदले एक दिन में पूरी होगी।
इस बदलाव पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए जनाधिकार पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है।उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगता है अब लोहियावादी और समाजवादी से अंबानी वादी बन गए हैं।उन्होंने भी बेशर्मी से श्रम कानून में संशोधन कर दिया। अब मज़दूरों को आठ घंटे के बजाय 12 घंटे काम करने होंगे?मज़दूरों का शोषण करने वाली इस सरकार का राजनीतिक श्राद्ध हम करेंगे।बताते चलें कि लॉकडाउन से पैदा हुई आर्थिक चुनौतियों के बीच कुछ राज्यों ने श्रम कानूनों में जो बदलाव किये हैं, उनका विरोध भी किया जा रहा है. राजनीतिक दलों के अलावा ट्रेन यूनियंस भी श्रम कानून पर सरकारों के रुख से खुश नहीं हैं. भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र यानी CITU भी इन फैसलों के खिलाफ उतर आया है।कोरोना वायरस महामारी झेल रहे देश में मजदूरों की दयनीय हालत के बीच लेबर लॉ में किये गये बदलाव पर सीटू ने नाराजगी जताई है. सीटू ने कहा है कि वो यूपी और मध्य प्रदेश सरकार के फैसलों की शिकायत इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन यानी ILO में करेगा. सीटू ने मजदूरों के अधिकारों के साथ खिलवाड़ बताते हुये इन फैसलों के लिये केंद्र सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया है।