भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने विशेष आयुक्त एंटी करप्शन सेल शाखा से मुलाकात कर पंजाब की नई आबकारी नीति में घोटाले की आशंका जताई। उन्होंने दिल्ली राज्य के राजस्व की कीमत पर अनुचित लाभ लेने के लिए इंडो स्पिरिट्स और ब्रिंडको स्पिरिट्स और आप के बीच बड़े पैमाने पर रिश्वत और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने इस बाबत शिकायत देते हुए कुछ साक्ष्य भी उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि दिल्ली की आबकारी नीति के माध्यम से कुछ चुनिंदा लोगों के लाभ के लिए राज्य मशीनरी का दुरुपयोग किए जाने की बात कही। विशेष आयुक्त से मुलाकात के बाद सिरसा ने पत्रकारों से बातचीत में खुलासा किया कि कुछ चंद लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए पंजाब में नई आबकारी नीति बनाई गई है। सरकार ने दिल्ली में शराब के थोक विक्रेताओं, यानि इंडोस्पिरिट डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (इंडो स्पिरिट) और ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड को गलत तरीके से लाभ दिया है। उन्होंने कहा कि इस नीति ने शराब लाइसेंस जारी करने के उद्देश्य से दिल्ली को 32 क्षेत्रों में विभाजित किया है, जिसमें प्रत्येक क्षेत्र में 9-10 वार्ड हैं। एक जोन का लाइसेंस के लिए न्यूनतम आरक्षित मूल्य लगभग 200 करोड़ रुपये है और मौजूदा खुदरा विक्रेता पूरी तरह से प्रतिस्पर्धा से बाहर हैं। शर्तों में से एक यह है कि एक इकाई के पास दो क्षेत्रों के लिए लाइसेंस हो सकता है, जिसका अर्थ है कि पूरी दिल्ली कुछ विशाल संस्थाओं के हाथों में आ जाएगी। उन्होंने कहा कि इस नीति के जरिये आम आदमी पार्टी को हर महीने 30 करोड़ रुपये नकद मिल रहे हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के साथ-साथ सीबीआई से इस अपराध का संज्ञान लेने और मामले में शामिल होने वाले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए इस मामले में तेजी से कार्रवाई करने का आग्रह किया।
मनजिंदर सिंह सिरसा ने नई आबकारी नीति के खिलाफ की शिकायत दर्ज
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