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ANANT SINGH AK-47 CASE:बाहुबली विधायक अनंत सिंह को 10 साल की जेल

बिहार के बाहुबली विधायक अनंत सिंह के खिलाफ आर्म्स एक्ट के मामले में कोर्ट का फैसला आ गया है. बिहार की विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के बाहुबली विधायक अनंत सिंह को AK-47 केस में एमपी-एमएलए कोर्ट ने 10 साल जेल की सजा सुनाई है.बिहार छोटे सरकार यानी मोकामा से आरजेडी के विधायक अनंत सिंह को एमपी-एमएलए कोर्ट ने 14 जून को ही दोषी करार दिया था. अनंत सिंह के खिलाफ केस में कोर्ट ने अब सजा का भी ऐलान कर दिया है. एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश त्रिलोकी दुबे ने अनंत सिंह को 10 साल कैद की सजा का ऐलान किया.कोर्ट की ओर से 10 साल की सजा सुनाए जाने के साथ ही अब अनंत सिंह की विधानसभा सदस्यता का जाना तय माना जा रहा है. गौरतलब है कि अनंत सिंह के खिलाफ ये मामला साल 2019 का है. तब हथियारों की तस्करी को लेकर मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने अनंत सिंह के मोकामा के लदमा गांव स्थित घर पर छापेमारी की थी. तब बाढ़ की तत्कालीन एएसपी लिपि सिंह के नेतृत्व में पुलिस की ये रेड करीब 11 घंटे तक चली थी.पुलिस की इस मैराथन रेड के दौरान नंत सिंह के घर से एके-47 के साथ ही 26 राउंड गोली, एक मैगजीन और हैंड ग्रेनेड भी मिले थे. इस रेड के बाद अनंत सिंह फरार हो गए थे. बिहार पुलिस अनंत सिंह की तलाश में जुटी थी तो वहीं वे पुलिस को चकमा देकर सोशल मीडिया पर एक के बाद एक वीडियो जारी कर रहे थे. इसे लेकर बिहार पुलिस की किरकिरी भी हुई थी.
विधानसभा की सदस्यता जाने का खतरा
सजा मिलने के बाद अनंत सिंह की विधानसभा की सदस्यता जाने का खतरा है। दो वर्ष से ज्यादा सजा होने पर विधानसभा की सदस्यता खत्म हो जाती है। हालांकि उनके वकील सुनील कुमार ने कहा कि सजा के फैसले को पटना हाइकोर्ट में चुनोती दी जाएगी और अपील दायर की जाएगी।

 

34 महीने चला स्पीडी ट्रायल
इस कांड की सुनवाई स्पीडी ट्रायल के तहत प्रतिदिन यानी 34 माह तक चली। इस कांड में विधायक अनंत सिंह को सुप्रीम कोर्ट तक से जमानत नहीं मिली थी। 25 अगस्त 2019 से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। इस मामले विधायक और उनके केयर टेकर पर 15 अक्टूबर 2020 में आरोप गठित किया गया था। इसके बाद विशेष लोक अभियोजक ने 13 पुलिस अभियोजन गवाहों को कोर्ट में पेश किया। विधायक की ओर से बचाव पक्ष में 34 गवाह पेश किए गए।

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कांड को विशेष श्रेणी में रखकर किया गया स्पीडी ट्रायल
इस आपराधिक कांड को बिहार सरकार ने विशेष कांड की श्रेणी में रखा है और इस मामले आरोपी के खिलाफ ट्रायल के लिए विशेष लोक अभियोजक को नियुक्त किया गया था। इस कांड का अनुसंधान बाढ़ अनुमंडल की तत्कालीन एएसपी लिपी सिंह ने किया था और विधायक व केयर टेकर के खिलाफ कोर्ट में 5 नवंबर 2019 को चार्जशीट दायर की थी।

अनंत सिंह कैसे बने ‘छोटे सरकार’
अनंत सिंह भूमिहार समाज से आते हैं। मोकामा विधानसभा क्षेत्र भूमिहार बाहुल्य है। इसके अलावा इस इलाके में गरीबी अपने चरम पर है। ऐसे में अनंत सिंह की रॉबिनहुड वाली छवि यहां काम कर जाती है। उदाहरण के लिए इलाके में अगर दहेज के लिए किसी लड़की की शादी नहीं हो रही है और उसका पिता अगर अनंत सिंह ड्योढ़ी पर चला जाता है तो उसे खाली हाथ नहीं लौटना होगा। या तो अनंत सिंह लड़के वाले को डरा धमकाकर शादी के लिए तैयार कर देते हैं या फिर कुछ खर्चा पानी देकर मामले को सुलझा देते हैं। इसी तरह किसी ने अगर अनंत सिंह को शादी का कार्ड भेज दिया तो वे उसके घर उपहार जरूर भेजते हैं। गांव में अगर अनंत सिंह आए हैं और किसी ने मुखिया की शिकायत कर दी तो छोटे सरकार उसी वक्त सरेआम फटकार लगा देते हैं। यही सब वजह है कि इलाके के लोग अनंत सिंह को सपोर्ट करते आ रहे हैं ।

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